8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Soybean: सोयाबीन की फसल बेमौसम बारिश से खराब, खाने के तेल के बढ़ सकते हैं दाम

देशभर में बेमौसम बारिश से कई राज्यों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा किसानों को नुकसान हुआ है। अधिकांश खरीफ फसलें खराब हो गई है, या खराब होने की कगार पर है।

1 minute read
Google source verification
Soybean: सोयाबीन की फसल बेमौसम बारिश से खराब, खाने के तेल के बढ़ सकते हैं दाम

Soybean: सोयाबीन की फसल बेमौसम बारिश से खराब, खाने के तेल के बढ़ सकते हैं दाम

देशभर में बेमौसम बारिश से कई राज्यों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बेमौसम बारिश से सबसे ज्यादा किसानों को नुकसान हुआ है। अधिकांश खरीफ फसलें खराब हो गई है, या खराब होने की कगार पर है। सोयाबीन के दामों में वर्तमान में कमजोर है, लेकिन भविष्य में इसके दामों में भारी तेजी की आशंका है, जिससे एक बार फिर लोगों को महंगे तेल की महंगाई से जूझना पड़ सकता है। जानकारों ने प्रमुख सोयाबीन उत्पादक राज्यों राजस्थान और मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश के चलते सोयाबीन की करीब 0.34 मिलियन मीट्रिक टन फसल बर्बाद होने का अनुमान लगाया जा रहा है।

यह भी पढ़े: दाना मेथी 200 रुपए प्रति क्विंटल महंगी, आइए जानते है क्यों चढ़े भाव

राजस्थान में इतनी हुई फसल खराब
राजस्थान राज्य में बेमौसम बारिश से 1.50 लाख मीट्रिक टन सोयाबीन की फसल खराब हो चुकी है। राजस्थान में मुख्य रूप से हाड़ौती क्षेत्र- बूंदी, बारां, झालावाड़ और कोटा में सोयाबीन की बुआई की जाती है। राजस्थान में इन 4 जिलों की सोयाबीन उत्पादन में 75 फीसदी हिस्सेदारी है। इन इलाकों में 1.50 लाख मीट्रिक टन या 675 करोड़ रुपए के सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचा है और कोटा जिले में सोयाबीन की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान करीब 20 से 25 फीसदी तक हुआ है।

यह भी पढ़े: नहीं थम रहे गेहूं और आटे के दाम, सरकार के कड़े प्रयास भी विफल...जानिए क्यों

इतना है सोयाबीन का स्टॉक
देश में सोयाबीन का 3.25 मिलियन मीट्रिक टन से ज्यादा का पिछला बकाया स्टॉक है। फसल वर्ष की शुरुआत में सामान्य स्टॉक से 4 गुना अधिक के स्तर पर है। सरसों के उत्पादन का आधा हिस्सा जो कि किसानों और स्टॉकिस्ट के पास है, अभी भी बाजार में नहीं आया है। सरसों की बुआई अक्टूबर या नवंबर 2022 की शुरुआत तक होगी।