कांग्रेस विधायक दल की बैठक से अलग इकट्ठे होकर 25 सितम्बर 22 को विधानसभा अध्यक्ष को साैंपे गए विधायकों के इस्तीफों पर नया मोड आ गया है। विधानसभा सचिव ने जवाब दिया है कि 81 विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को मिले, जिसमें से 5 इस्तीफों की फोटोकॉपी थी और 6 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने हाजिर थे। सभी विधायकों ने इस्तीफे वापस ले लिए हैं, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने इन इस्तीफों को अस्वीकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने इस जवाब पर याचिकाकर्ता विधानसभा में उपनेता राजेन्द्र राठौड़ को तीन दिन में पक्ष रखने का मौका देते हुए सुनवाई 20 जनवरी तक स्थगित कर दी।
कांग्रेस विधायक दल की बैठक से अलग इकट्ठे होकर 25 सितम्बर 22 को विधानसभा अध्यक्ष को साैंपे गए विधायकों के इस्तीफों पर नया मोड आ गया है। विधानसभा सचिव ने जवाब दिया है कि 81 विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को मिले, जिसमें से 5 इस्तीफों की फोटोकॉपी थी और 6 विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने हाजिर थे। सभी विधायकों ने इस्तीफे वापस ले लिए हैं, इसलिए विधानसभा अध्यक्ष ने इन इस्तीफों को अस्वीकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने इस जवाब पर याचिकाकर्ता विधानसभा में उपनेता राजेन्द्र राठौड़ को तीन दिन में पक्ष रखने का मौका देते हुए सुनवाई 20 जनवरी तक स्थगित कर दी।
विधानसभा के प्रमुख सचिव महावीर प्रसाद शर्मा की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद यह जवाब पेश किया गया। इससे पहले न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और न्यायाधीश सी के सोनगरा की खंडपीठ के सामने सोमवार को राठौड़ ने अपनी जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए आग्रह किया। सुनवाई के दौरान राठौड़ ने कहा कि दो जनवरी को कोर्ट ने दस दिन का समय जवाब देने के लिए दिया था लेकिन अब तक जवाब नहीं आया है। इस पर महाधिवक्ता एम एस सिंघवी ने कोर्ट समय समाप्त होने से पहले सोमवार को ही जवाब पेश करने का आश्वासन दिया था।
कोर्ट में यह बोले राठौड़
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सुनवाई के दौरान कहा कि 91 विधायकों के इस्तीफों पर 110 दिन बाद भी निर्णय लेकर सूचित नही किया है।
राठौड़ के सवाल पर जवाब
राठौड़ के सवाल पर महाधिवक्ता ने कहा कि 91 विधायकों के इस्तीफों को विधानसभा अध्यक्ष ने अस्वीकार करने का निर्णय ले लिया है। विधानसभा प्रक्रिया नियम के तहत इस्तीफा स्वीकार होने से पहले सदस्य उसे वापस ले सकता है। महाधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला देकर यह भी बताया कि नियमों के तहत वे विधानसभा अध्यक्ष व सचिव की ओर से पैरवी कर सकते हैं।
कोर्ट रूम लाइव
सुबह 11.40 बजे: राठौड़ ने सुनवाई का आग्रह किया। साथ ही, कहा कि अब तक जवाब नहीं आया है और विधानसभा का सत्र 23 जनवरी से शुरू होने जा रहा है।
कोर्ट- आप सुनवाई के लिए तारीख चाहते हैं तो मेंशनिंग नहीं करें और यदि आप पक्ष रखना चाहते हैं तो नंबर आने पर बात कह सकते हैं।
राठौड़- मैं अपनी बात रखना चाहता हूं
दोपहर 12.15 बजे सुनवाई शुरू....
राठौड़- इस्तीफों के मामले पर जवाब के लिए दो जनवरी को दस दिन का समय दिया था लेकिन अब तक जवाब नहीं आया है।
महाधिवक्ता- इस्तीफे नामंजूर किए जा चुके हैं। जवाब की प्रति समय समाप्त होने से पहले ही याचिकाकर्ता को उपलब्ध करवा देंगे।
राठौड़- इस्तीफों पर फैसला होने तक के वेतन भत्तों का भुगतान इन विधायकों को किस पेटे किया गया और किन नियमों में त्यागपत्र वापस लिए गए।
कोर्ट- जवाब पर अपना पक्ष रख सकते हैं इसके लिए तीन दिन का वक्त है। सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
अधिवक्ता पूनम चंद भंडारी- मामला जनहित का नहीं है। इसमें जनता का कोई हित प्रभावित नहीं हो रहा है।
कोर्ट- आप जो आपत्ति उठा रहे हैं वह तो प्रतिवादी पक्ष उठा सकता है। आप पक्षकारों की नई श्रेणी सृजित नहीं कर सकते। यह कहते हुए भंडारी का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया।