
galta ji surya mandir
जयपुर.पत्रिका न्यूज नेटवर्क. शहर की स्थापना के समय से गलता तीर्थ क्षेत्र में बना यह मंदिर राजा-रजवाड़ों के जमाने से खास है। सबसे खास बात यह है कि पूरे राजस्थान में यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां सूर्यदेव पत्नी संध्या (राणादे) के साथ विराजमान हैं। महंत पं.मदन लाल शर्मा ने बताया कि पहले अष्टधातु की मूर्ति चोरी होने के बाद दूसरी मूर्ति मकराना के मार्बल की दो फीट की तैयार करवाई गई। हर साल यहां अब भी पुरानी परंपराओं का निर्वहन किया जा रहा है।
शुक्रवार को होगा सूर्य यज्ञ:
3 दिवसीय सूर्यसप्तमी उत्सव की शुरुआत गुरुवार से रक्त चंदन अभिषेक, सूर्य सहस्त्रनाम पाठ से हुई। शुक्रवार 27 जनवरी को सूर्य यज्ञ तथा आदित्य स्त्रोत का सामूहिक पाठ होगा। वहीं शनिवार को सूर्य सप्तमी के तहत सुबह 8 बजे पंचामृत स्नान के बाद लवाजमे के बीच भगवान सूर्यदेव 7 अश्वों से सुसज्जित रथ पर सवार होकर शहर भ्रमण पर निकलेंगे। यात्रा रामगंज, बड़ी चौपड़ व त्रिपोलिया पहुंचेगी, जहां कि आरती होगी। रविवार को यहां काफी भक्त आते हैं।
पूरा नगर देखा जा सकता है:
यह मंदिर गलताजी धाम की ओर जाने वाले पैदल मार्ग के रास्ते में आता है। पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर दक्षिण मुखी है। यह मंदिर पुरातात्विक सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है। इस प्राचीन मंदिर की स्थापना जयपुर के संस्थापक सवाई जयसिंह ने करवाई थी। यहां से पूरे नगर को देखा जा सकता है।
मिलेगा कई गुना फल:
माघ महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को सूर्य जयंती मनाई जाती है। इस बार ये 28 जनवरी को है। मत्स्य पुराण के मुताबिक यह तिथि पूरी तरह से भगवान सूर्य को समर्पित है। इस दिन भगवान सूर्य के लिए व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए स्नान, दान और पूजा-पाठ का कई गुना फल मिलता है।
Updated on:
27 Jan 2023 10:29 am
Published on:
27 Jan 2023 10:25 am
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