
विजय शर्मा
जयपुर। देश के मौसम विभाग को स्थापित हुए 150 साल हो गए हैं। 15 जनवरी 1875 को मौसम विभाग की स्थापना हुई थी। तब विभाग का कार्य केवल तापमान और बारिश मापने तक सीमित था। लेकिन आजादी के बाद, जैसे-जैसे भारत ने तकनीक में प्रगति की, मौसम विभाग भी अपडेट हुआ।
इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 43 साल पहले भारत के पास अमरीका से सेटेलाइट फोटो आती थी, जबकि आज देश का मौसम विभाग हर 15 मिनट में सेटेलाइट फोटो जारी कर रहा है।
भारत में मौसम विज्ञान से संबंधित सबसे पुरानी वेधशालाएं हैं। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में मौसम और जलवायु का अध्ययन करने के लिए कई स्टेशन स्थापित किए थे। सबसे पहली वेधशाला मद्रास (चेन्नई) में 1793 में बनाई गई. इसके बाद कोलकाता और मुंबई में भी वेधशालाएं स्थापित की गई। राजस्थान में पहली मौसम वेधशाला अजमेर में 1866 में स्थापित की गई। जयपुर में 1875 में नाटाणी का बाग में मौसम वेधशाला स्थापित की गई, जिसे बाद में 1947 में जयपुर एयरपोर्ट पर शिफ्ट किया गया।
मौसम विभाग आरएसआर डब्ल्यू ऑब्जर्वेशन तकनीक का नियमित रूप से उपयोग कर रहा है। इस तकनीक के तहत 40 किलोमीटर ऊंचाई तक वातावरण को मापा जाता है। वैलून में सेंसर और माइक्रोमीटर सहित अन्य संसाधन भेजे जाते हैं, जो वातावरण से मौसम की गतिविधियों का डेटा सुपर कंप्यूटर में फीड करते हैं। इससे सटीक मौसम पूर्वानुमान में मदद मिलती है। इतना ही नहीं, भारत अब पडोसी देशों को भी सैटेलाइट फोटो उपलब्ध करा रहा है।
150 वर्ष में मौसम विभाग ने कई नए आयाम स्थापित किए हैं। भारत का मौसम विभाग नई-नई तकनीकों के साथ देश ही नहीं, दुनिया भर में अपनी पहचान बना चुका है। राधेश्याम शर्मा, निदेशक, मौसम केन्द्र जयपुर
Updated on:
15 Jan 2025 08:04 am
Published on:
15 Jan 2025 07:59 am
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