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‘तीन निर्णय’ जिनसे बदला संविधान देखने का नजरिया

राजस्थान स्कूल ऑफ लॉ फोर वीमेन (Rajasthan School of Law For Women), जयपुर की ओर से राजस्थान एजुकेशन ट्रस्ट (Rajasthan Education Trust) के सहयोग से बुधवार को एस.सी. अग्रवाल फस्र्ट मैमोरियल लेक्चर हुआ। लेक्चर 'तीन निर्णय', जिन्होंने हमारे संविधान को देखने का नजरिया बदल दिया विषय पर हुआ।

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जयपुर. राजस्थान स्कूल ऑफ लॉ फोर वीमेन (Rajasthan School of Law For Women), जयपुर की ओर से राजस्थान एजुकेशन ट्रस्ट (Rajasthan Education Trust) के सहयोग से बुधवार को एस.सी. अग्रवाल फस्र्ट मैमोरियल लेक्चर हुआ। लेक्चर ‘तीन निर्णय’, जिन्होंने हमारे संविधान को देखने का नजरिया बदल दिया विषय पर हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय (Rajasthan High Court) के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव व मुख्य वक्ता हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश अकील कुरेशी (Ex CJ Akeel Qureshi ) रहे।

न्यायाधीश श्रीवास्तव ने संविधान को सीखने की सतत प्रक्रिया बताया। उन्होंने केशवानन्द भारती बनाम स्टेट ऑफ केरल, ए.डी.एम. जबलपुर बनाम शिवकान्त शुक्ला एवं स्टेट ऑफ केरल बनाम एन. एम. थोमस जैसे महत्वपूर्ण निर्णयों की भी जानकारी दी। पूर्व मुख्य न्यायाधीश कुरैशी ने व्याख्यान में भारतीय संविधान से संबन्धित चर्चित निर्णयों के बारे में चर्चा कर, कहा कि आज समाज अपनी पहचान ढूंढने की कोशिश कर रहा है, जिसे समय-समय पर न्यायालयों के दिए निर्णयों से समझा जा सकता हैं।


व्याख्यान को पूर्व न्यायाधीश वी.एस. दवे, जे.के. रांका और पी.सी. जैन ने भी संबोधित किया। कानोडिया गल्र्स कॉलेज ट्रस्ट के सचिव विमल कुमार भाटिया, राजस्थान स्कूल ऑफ लॉ फोर वीमेन सचिव डा. रेखा भटनागर सहित वरिष्ठ अधिवक्ता एवं जयपुर के विभिन्न विधि महाविद्यालयों के शिक्षकों एवं विद्यार्थी शामिल हुए।