30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जासूसी के आरोप में तीन पाकिस्तानी नागरिकों को कठोर कारावास की सजा

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तान से वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर भारत आए पाक जासूस और उसके दो सहयोगी पाकिस्तानी नागरिकों को जैसलमेर में भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भिजवाने के आरोपों में दोषी माना है।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Lalit Tiwari

Feb 23, 2023

जासूसी के आरोप में तीन पाकिस्तानी नागरिकों को कठोर कारावास की सजा

जासूसी के आरोप में तीन पाकिस्तानी नागरिकों को कठोर कारावास की सजा

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे पर पाकिस्तान से वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर भारत आए पाक जासूस और उसके दो सहयोगी पाकिस्तानी नागरिकों को जैसलमेर में भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भिजवाने के आरोपों में दोषी माना है। मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 7 साल एवं अलग से 1 व 2 साल के कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस एस सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल उर्फ नंदू महाराज पुत्र नरसिंह वैध पासपोर्ट एवं वीजा पर जोधपुर आया था। आईएसआई के इशारे पर जैसलमेर पहुंच भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं एकत्रित कर पाकिस्तान भिजवा रहा था।

एडीजी सेंगाथिर ने बताया कि सीआईडी इंटेलिजेंस की टीम ने 20 अगस्त 2016 को शासकीय गुप्त बात अधिनियम और विदेशी अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत पाक जासूस नंदलाल उर्फ नंदू महाराज गिरफ्तार किया था। अनुसंधान के दौरान नंद लाल की जासूसी में मदद करने के आरोप में दो अन्य पाक नागरिक भाइयों गौरीशंकर व प्रेम चंद पुत्र खेमचंद को गिरफ्तार किया गया।

एडीजी ने बताया कि दोनों भाई भी पाकिस्तान के सांगड जिले में खिंपरो क्षेत्र के ही रहने वाले हैं। पाकिस्तान से लॉन्ग टर्म वीजा पर भारत आने के बाद दोनों जोधपुर के हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के हरिनगर और शंकर नगर में अलग-अलग मकान में रह रहे थे।
उन्होंने बताया कि अनुसंधान के बाद तीनों अभियुक्तों के विरुद्ध 16 नवंबर 2016 को मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट जयपुर महानगर प्रथम के न्यायालय में सीआईडी इंटेलिजेंस द्वारा चार्जशीट पेश की गई। जहां सुनवाई में तीनों अभियुक्तों को शासकीय गुप्त बात अधिनियम की धाराओं में दोष सिद्ध पाए जाने पर 7 वर्ष की सजा सुनाई गई।
धारा 10 में अभियुक्त गौरीशंकर व प्रेमचंद को दोषी पाए जाने पर 1 वर्ष के कठोर कारावास तथा अभियुक्त नंदलाल को विदेशी अधिनियम की धाराओं में दोषी पाए जाने पर 2 वर्ष के कठोर कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।