
जयपुर। हवा के रुख के साथ लाखों की संख्या में एक बार फिर टिड्डी दल ने जयपुर में हमला ( Tiddi Dal Attack in Jaipur ) कर दिया। इस बार यह रिहायशी इलाकों में दिखाई दिए। जिससे स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना रहा। आज सुबह खेतों से निकलकर टिड्डी दल ( Locust Attack ) जयपुर के विद्याधर नगर, शास्त्री नगर, दादी का फाटक और झोटवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र के गांवों में देखे गए। हालांकि यह लगातार तीसरा दिन है जब रुक रुक कर टिड्डियां जयपुर में और उसके आसपास के ग्रामीण इलाकों में हमला बोल रही है। जानकारी के अनुसार बीती रात को भी टिड्डी दल दादी का फाटक, नाड़ी का फाटक बेनाड रोड पर देखे गए थे। लेकिन वहां से निकनकलर आज हवा के रुख के साथ विद्याधर नगर, शास्त्री नगर के हाउसिंग बोर्ड, पानीपेच, मुरलीपुरा, विश्वकर्मा और झोटवाड़ा इलाकों में दस्तक दे दी। टिड्डी दल झोटवाडा़ पंचायत समिति के लालचंदपुरा, मंशारामपुरा, सरनाचौड़ आदि गांवों में दिखाई दिए। टिड्डीयों के दल को लेकर किसान और कृषि विभाग काफी चिंता में नजर आया और इन्हें भगाने का प्रयास किए जा रहे हैं।
शास्त्री नगर, विद्याधर नगर में ऊंचाई वाले पेड़ों पर बनाया डेरा
शास्त्री नगर, विद्याधर नगर के कई इलाकों में आज सुबह टिड्डियों से आसमान भर गया। यह रिहायशी इलाका होने क कारण यहां खेत नहीं है। इसलिए पेड़ की ऊंचाई पर टिडि्डयों ने डेरा जमा लिया है। वहीं जयपुर के आसपास टिड्डियों का प्रकोप होते ही कृषि विभाग के कर्मचारी इन पर नियंत्रण के लिए सक्रिय हो गए है और देर शाम से ही कृषि विभाग के अधिकारी दल-बल के साथ जहां सूचना मिल रही है वहीं मौके पर पहुंच कर कीटनाशक छिड़काव कर इन्हें मारने का प्रयास कर रहे है। कृषि आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश के अनुसार अब तक प्रदेश में करीब 37 हजार हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्रफल पर टिड्डियों अपना असर दिखा चुकी है।
होते रहेंगे इस तरह के हमले
कृषि विभाग के अधिकारियों की माने तो हवा के साथ यह पहुंच रहे है। इस तरह के हमले अब सीकर रोड और आगरा रोड पर देखे जाएंगे। क्योंकि यह दल पाकिस्तान से निकलकर सीमावर्ती इलाकों से होते हुए सीकर पहुंच रहे है और वहां से जयपुर की ओर पहुंच रहे है। इसके बाद यह आगरा रोड होते हुए दौसा, भरतपुर आदि जिलों में पहुंचते हुए एमपी और यूपी तक जा रहे है। हवा के रुख के साथ टिड्डियों के यह दल पाकिस्तान से निकलता है और भारत में आकर नुकसान पहुंचा रहे है। इनकी ब्रिडिंग अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा पर हो रही है। इनके ब्रिडिंग सेंटर पर इनका खात्मा किया जाए तो इन पर नियंत्रण करना आसान होता है। अफगानिस्तान-पाकिस्तान की सीमा भारत से सटी है इसलिए यह हवा के साथ यहां प्रवेश कर रहे हैं। भारत में प्रवेश करने के बाद यह अनियंत्रित हो जाती है और ऊंचाई पर बैठ जाती है और लगातार मूवमेंट करती रहती है। वहीं कीटनाशक छिड़काव के बाद यहां आने वाली टिड्डियां तो मारी जाती है लेकिन तब तक लाखों की संख्या में ब्रिडिंग कर चुकी टिड्डियां फिर छोटे छोटे दल बनाकर भारत में प्रवेश कर अटैक कर देती है।
Published on:
25 May 2020 10:12 am
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