
लॉकडाउन में जगमगाई संगम नगरी, आत्मविश्वास के दिए से जला कोरोना वायरस का खौफ
धोखाधड़ी: आइपीएस अफसर की मदद से लॉकडाउन तोड़कर भागते पकड़े गए
छुट्टी पर भेजे गए आरोपी आइपीएस अमित गुप्ता
- ईडी ने भी किया महाराष्ट्र सरकार से संपर्क
पुणे. सीबीआइ ने शुक्रवार को सतारा जिले के पुलिस-प्रशासन को पत्र लिखकर डीएचएफएल के प्रमोटर कपिल और धीरज वधावन को बिना एजेंसी की अनुमति न छोडऩे को कहा है। वधावन परिवार के 10 सदस्यों और उनके कारिंदों समेत 23 लोगों को गुरुवार को महाराष्ट्र के सतारा जिले के पंचगनी की एक सरकारी सुविधा में क्वारेंटाइन किया गया था।
जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी महाराष्ट्र सरकार से संपर्क किया है। इन सभी को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बावजूद मुंबई से महाबलेश्वर जाने की कोशिश में पकड़कर यहां क्वारेंटाइन किया गया है। मामले में गृह विभाग के प्रधान सचिव (विशेष) के तौर पर पदस्थ आइपीएस अधिकारी अमिताभ गुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने कपिल और धीरज वाधवान के परिवार के लिए इमरजेंसी पास जारी किया। इसी पास के आधार पर सीबीआइ और ईडी से बचने के लिए खंडाला में छिपे वाधवान भाई और परिवार के 21 लोगों के साथ 5 गाडिय़ों में सवार होकर बुधवार को महाबलेश्वर स्थित अपने फार्म हाउस जा रहे थे, लेकिन यहां पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। लापरवाही के मामले में आइपीएस गुप्ता को अनिवार्य छुट्टी पर भेजा गया है। पुलिस ने परिवार के खिलाफ लॉकडाउन के नियम तोडऩे पर केस दर्ज किया है। सभी लोग एक इमारत में क्वारेंटाइन है।
सीबीआइ ने 7 मार्च को कपिल और धीरज वधावन के साथ यस बैंक के संस्थापक और तत्कालीन एमडी व सीईओ राणा कपूर और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था। सीबीआइ के एक अधिकारी के अनुसार दोनों जांच की शुरुआत से ही भाग रहे थे। 9 मार्च को सीबीआइ ने दोनों के ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन वे नहीं मिले। 17 मार्च को इनकी गिरफ्तारी का गैरजमानती वारंट जारी किया गया।
Updated on:
11 Apr 2020 12:29 am
Published on:
11 Apr 2020 12:28 am
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