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क्या राजस्थान से होगा BJP का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष? RSS के खास इन नेताओं के नाम की चर्चा तेज

BJP National Persident: देश के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की चर्चाएं आम हैं। बताया जा रहा है कि जल्द ही नए नाम पर मुहर लग सकती है।

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PM Modi and Amit Shah

PM Modi and Amit Shah

BJP National Persident: देश के सबसे बड़े राजनीतिक संगठन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की चर्चाएं आम हैं। क्योंकि बेंगलुरु में आयोजित हुए RSS के तीन दिन के अधिवेशन के बाद नए अध्यक्ष की तलाश आखिरी पड़ाव पर है। बता दें, वर्तमान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल 2023 में खत्म हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। चुनावों के बाद मोदी सरकार में नड्डा को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बना दिया गया, इसके बाद पार्टी को नए मुखिया की तलाश जारी है।

आपको बता दें, बीजेपी सांगठनिक जड़ों और कैडर क्षमता से लैस पार्टी मानी जाती है, इसलिए पार्टी के सर्वोच्च पद के चेहरे का चुनाव भी एक लंबी चौड़ी प्रक्रिया से ही होगा। ऐसे में बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने की प्रक्रिया कई महीनों पहले शुरू की थी, इसी कड़ी में प्रदेश संगठनों में अध्यक्षों के चुनाव करवाए जा रहे हैं। राजस्थान में भी मदन राठौड़ को हाल ही में अध्यक्ष पद के लिए आधिकारिक तौर पर चुना गया है।

वहीं, इन सबके बावजूद एक बड़ा सवाल अभी भी बना हुआ है कि बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा और इसकी घोषणा कब की जाएगी? हाल में बेंगलुरु में RSS की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 3 दिवसीय अहम बैठक हुई जिसके बाद बताया जा रहा है कि नए चेहरे का खाका तैयार कर लिया गया है।

इधर, 18 से 20 अप्रेल को बीजेपी की नेशनल एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक बेंगलुरु में होगी, ऐसे में माना जा रहा है कि इस बैठक से पहले ही बीजेपी को नया अध्यक्ष मिल सकता है। ऐसे में आइए आपको समझाते हैं कि बीजेपी के नए अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है और कौन इसके लिए दावेदार हैं।

आखिर नया अध्यक्ष चुनने में देरी क्यों?

बता दें कि, BJP और RSS पिछले कई महीनों से नया राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनने में लिए माथापच्ची कर रहे हैं। सियासी गलियारों की अंदरूनी चर्चा है कि लिस्ट और नाम तैयार हैं, बस आम सहमति बनते ही अनाउंसमेंट कर दिया जाएगा। ये सर्वविदित है कि आरएसएस की मुहर के बिना नए चेहरे का कोई एक नाम आगे नहीं बढ़ सकता है।

हाल में आरएसएस की शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की बेंगलुरु में हुई 3 दिवसीय बैठक के बाद संघ के सह सरकार्यवाह अरूण कुमार ने कहा कि अभी प्रक्रिया चल रही है समय आने पर बता दिया जाएगा।

इस दौरान उनसे एक सवाल किया गया कि क्या नए अध्यक्ष के नाम पर बीजेपी-आरएसएस में विवाद है? इस पर अरूण कुमार ने कहा कि हर संगठन स्वतंत्र है, संघ में 32 संगठन हैं। बीजेपी और आरएसएस में कोई विवाद नहीं है। सभी संगठनों के अध्यक्ष चुनने की अपनी प्रक्रिया है। बीजेपी की अपनी प्रक्रिया चल रही है समय आने पर आपको सबकुछ पता चल जाएगा।

नया अध्यक्ष नहीं बनने की एक वजह ये भी

इसके अलावा BJP का नया अध्यक्ष नहीं चुने जाने के पीछे 36 में से 24 राज्य इकाइयों में संगठन के चुनाव ना होना एक बड़ी वजह है। बताते चलें कि अध्यक्ष चुनने के लिए आधे से ज्यादा राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों का चुनाव होना जरूरी है और अब तक बीजेपी सिर्फ 12 राज्यों में ही सांगठनिक चुनाव करवा पाई है। इस पर राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सरकार और संगठन के विचार जब तक एक लाइन पर नहीं आते हैं तब तक हर नाम पर मंथन चलता रहेगा।

कैसे होता है बीजेपी अध्यक्ष का चुनाव?

भारतीय जनता पार्टी के संविधान और नियम की धारा-19 में अध्यक्ष के चुनाव के प्रावधान तय किए गए हैं, जिनके तहत नए चेहरे का चुनाव होता है। जहां राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के सदस्यों का इलेक्टोरल कॉलेज बनता है और यही इलेक्टोरल कॉलेज राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करता है। यह इलेक्टोरल कॉलेज यानि निर्वाचक मंडल पार्टी के विभिन्न स्तरों के प्रतिनिधियों से मिलकर बनता है।

दरअसल सबसे पहले बूथ, मंडल और जिला स्तर पर चुनाव होते हैं जो राज्य स्तर तक पहुंचते हैं। इस दौरान उम्मीदवार नामांकन दाखिल करते हैं और आमतौर पर एक सहमति से चुना गया उम्मीदवार ही नामांकन भरता है जिसे बाद में निर्विरोध 'चुन लिया' जाता है। हालांकि बीजेपी की सालों पुरानी यही परंपरा रही है कि आम सहमति से एक उम्मीदवार चुना जाता है ऐसे में वास्तविक चुनाव की कभी नौबत नहीं आती है।

वहीं, कार्यकर्ताओं की नींव से चलने वाली पार्टी में कम से कम 15 साल तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहने वाला कोई भी नामांकन कर सकता है। इसके अलावा इलेक्टोरल कॉलेज के कम से कम 20 सदस्य जिसके नाम के प्रस्तावक आए हों वो अध्यक्ष का दावेदार हो सकता है। हालांकि ये प्रस्ताव कम से कम 5 ऐसे राज्यों से आने चाहिए जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव हो चुके हों।

प्रबल दावेदारों में कौन चल रहे हैं आगे?

बीते दिनों हरियाणा, महाराष्ट्र और फिर दिल्ली में ऐतिहासिक जीत के बाद बीजेपी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हलचल लगातार चल रही है। पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संघ की कसौटी पर फिट बैठने वाले चेहरे की तलाश में लगातार डवलपमेंट चल रहे हैं।

बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए दावेदारों में भूपेंद्र यादव, अर्जुनराम मेघवाल, सुनील बंसल, मनोहर लाल खट्टर, प्रहलाद जोशी, धर्मेंद्र प्रधान और शिवराज सिंह चौहान जैसे नाम कई दिनों से चल रहे हैं। इसके अलावा दक्षिण भारत से बीजेपी के नए राष्ट्रीय मुखिया के आने की अटकलें भी लगाई जा रही है। माना जा रहा है कि दक्षिण के किसी चेहरे पर बीजेपी और संघ दोनों की सहमति बन सकती है क्योंकि उत्तर के बाद बीजेपी अब दक्षिण में अपने पैर मजबूत करना चाहती है। वहीं, अगर उत्तरी भारत से अध्यक्ष बनाया जाता है तो सबसे मजबूत दावेदार भूपेन्द्र यादव को माना जा रहा है।

दावेदारों में भूपेंद्र यादव का नाम भी शामिल

बीजेपी अध्यक्ष पद के लिए भूपेंद्र यादव का नाम भी सबसे प्रबल और मजबूत दावेदारों के गिना जा रहा है। भूपेंद्र यादव वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। 2010 से भूपेंद्र यादव पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर हैं। 2010 में उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय सचिव बनाया गया था। भूपेंद्र यादव पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। भूपेंद्र यादव की कई राज्यों के चुनाव में अच्छी परफॉर्मेंस रही है।

भूपेंद्र यादव ओबीसी समाज से आते हैं और जातीय समीकरण से भी वह फिट बैठते हैं। राजस्थान के अलवर से सांसद हैं। संघ अर्जुन मेघवाल पर भी दांव खेल सकता है । इसके अलावा 2024 के लोकसभा चुनावों में भी आरक्षण में बदलाव की चर्चाओं के चलते 2019 की तुलना में करीब 63 सीटों का नुकसान हुआ था। इस वजह से संघ इस बार दलित राष्ट्रीय अध्यक्ष पर दांव खेल सकता है।

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