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सवाल- झुंझुनूं से विधायकी का उपचुनाव लड़ेंगे? सतीश पूनिया ने दिया ये जवाब; रतन टाटा को ऐसे किया याद

Rajasthan Politics: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सतीश पूनिया के जयपुर आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ।

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Rajasthan Politics: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया सुर्खियों में बने हुए हैं। क्योंकि इन परिणामों का श्रेय हरियाणा भाजपा प्रभारी सतीश पूनिया को दिया जा रहा है, जिनके कुशल नेतृत्व में ये फतह हासिल की है। बता दें रिजल्ट के बाद सतीश पूनिया के जयपुर आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ। वहीं मीडिया के लोग भी उनका लगातार इंटरव्यू कर रहे हैं।

दरअसल, जीत के बाद सतीश पूनिया ने कहा कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की जीत केंद्रीय नेतृत्व, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष के मार्गदर्शन के साथ-साथ हमारे प्रभारियों के सहयोग के कारण हुई है…हरियाणा की प्रबुद्ध जनता ने राष्ट्रीय एजेंडे, स्थिरता और प्रगति के लिए मतदान किया है।

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जीत के बाद पूनिया का बढ़ा कद

इधर, हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद माना जा रहा है कि सतीश पूनिया का कद भाजपा में प्रदेश स्तर पर ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बढ़ा है। पूनिया के समर्थक उम्मीद लगा रहे हैं कि पीएम मोदी हरियाणा चुनाव के नतीजों का कोई बड़ा इनाम देंगे। चर्चा है कि पार्टी में कोई बड़ा पद दिया जा सकता है। वहीं एक चर्चा ये भी है कि उप चुनाव में पार्टी उन्हें झुंझुनूं से प्रत्याशी बना सकती है।

'एक प्रतिशत भी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं'

लिहाजा, मीडिया ने जब इस बारे में सतीश पूनिया से सवाल किया तो उन्होंने जवाब देते हुए कि मेरी तो एक प्रतिशत भी चुनाव लड़ने की इच्छा नहीं है। पार्टी ने मुझे जो काम दे रखा है हरियाणा के प्रभारी के नाते, मैं उसको शिद्दत से पूरा करूं, मेरी तो यह प्राथमिकता है। वहीं, दूसरे सवाल किया गया कि अगर पार्टी उन्हें प्रत्याशी बनाती है तो वे क्या करेंगे। इस पर उन्होंने कहा कि अगर-मगर अभी तो है नहीं।

वहीं एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने राजस्थान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का विग्रह पहले से दिखता भी था और मेरा मानना ​​है कि यह भविष्य में हल नहीं होगा। उनके बीच जिस तरह का दुराव है उसका जल्द ही ठीक होने की संभावना नहीं है।

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रतन टाटा के निधन पर क्या कहा?

इसके अलावा देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद सतीश पूनिया ने कहा कि आजादी के बाद एक बड़ी चुनौती यह थी कि देश आर्थिक विकास के पथ पर कैसे आगे बढ़ेगा। इस प्रयास में कई लोगों ने योगदान दिया, लेकिन पारसी समुदाय के योगदान को भुलाया नहीं किया जा सकता है। रतन टाटा का नाम हमेशा इसमें याद रखा जाएगा। रतन टाटा एक आइकन लीजेंड थे।

हरियाणा में भाजपा को मिली 48 सीट

गौरतलब है कि हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं कांग्रेस 37 सीटों पर जीत मिली है। 5 सीटें अन्य के खाते में गई हैं। वहीं, जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हुए विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 28 सीटों पर संतोष करना पड़ेगा। वहीं कांग्रेस+एनसी को 51 सीटें मिली हैं। इनके अलावा पीडीपी को 3 और इंडिपेंडेंट को 9 सीटें मिली हैं।

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