
भाजपा की नई सरकार आने के बाद पहली भर्ती परीक्षा 7 जनवरी को होगी। पेपर लीक की घटनाओं के बीच अपनी साख बचाए रखने की चुनौती से जूझ रही आरपीएससी के साथ यह पुलिस और प्रशासन का भी इम्तिहान होगा। पेपर लीक चुनावी मुद्दा होने के कारण भर्ती परीक्षा से सरकार की साख भी जुड़ी है।
इसकी गम्भीरता परीक्षा की तैयारियों के तहत मंगलवार को आयोजित वीसी (वीडियो कांफ्रेंस) में दिखी। आरपीएससी के अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा के आयोजन में हर अधिकारी चुनाव ड्यूटी की तरह व्यक्तिगत जिम्मेदारी निभाए। इस बार स्थानीय अधिकारियों के अलावा हर छह सेंटर पर एक आरएएस व आरपीएस अधिकारी के नेतृत्व में उड़न दस्ता तैनात होगा। आरपीएससी सात जनवरी को पीटीआई, लाइब्रेरियन व होमसाइंस लेक्चर की भर्ती के लिए लिखित परीक्षा करवा रहा है। परीक्षा पीटीआई के 247, लाइब्रेरियन के 247 और होम साइंस लेक्चरर के 39 पदों के लिए होगी। 602 सेंटर पर 1.98 लाख अभ्यर्थी बैठेंगे। सबसे अधिक जयपुर में 180 सेंटर होंगे। पेपर लीक जैसी घटना को रोकने के लिए परीक्षा सात सम्भाग मुख्यालयों पर ही आयोजित की जाएगी।
वीसी में आरपीएससी अध्यक्ष संजय श्रोत्रीय, सचिव रामनिवास मेहता व सभी सम्भागीय आयुक्त, सम्बंधित जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक, जोधपुर कमिश्नर व जयपुर से एडिश्नल कमिश्नर थे। इनके अलावा एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) आनंद श्रीवास्तव, पेपर लीक रोकने के लिए गठित एसआईटी के एडीजी वीके सिंह व एसओजी डीआईजी योगेश यादव भी वीसी में थे। इसमें बताया गया कि परीक्षा केन्द्र पर मोबाइल पर रोक रहेगी। यह रोक अफसर और स्टाफ पर भी मान्य होगी।
Published on:
27 Dec 2023 09:07 am
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