जैसलमेर

हर दिन चलती 30 बसें, लेकिन रोडवेज के पास नहीं अपना बस स्टैंड

वर्ष 2013 में जैसलमेर को रोडवेज का पूर्ण आगार घोषित किया गया, लेकिन बीते 12 वर्षों में न खुद का बस स्टैण्ड बना, न ही बुनियादी सुविधाएं जुट पाईं।

less than 1 minute read
Jul 05, 2025

वर्ष 2013 में जैसलमेर को रोडवेज का पूर्ण आगार घोषित किया गया, लेकिन बीते 12 वर्षों में न खुद का बस स्टैण्ड बना, न ही बुनियादी सुविधाएं जुट पाईं। आज भी बसें निजी ढाबों, दुकानों और सडक़ों के किनारे से यात्रियों को उठाती हैं। गड़ीसर रोड पर रोडवेज के नाम 4 बीघा भूमि दर्ज है। यहां बस स्टैण्ड के लिए प्रस्ताव भी तैयार हो चुका है, जिसमें प्लेटफार्म, प्रतीक्षालय, टिकट घर, जल मंदिर व शौचालय की व्यवस्था प्रस्तावित है। लागत महज़ एक करोड़ रुपए है, लेकिन बजट अब तक स्वीकृत नहीं हुआ।

पर्यटननगरी पर नहीं नजरें इनायत

देश-दुनिया के सैलानी जहां हवाई, रेल और निजी साधनों से जैसलमेर पहुंचते हैं, वहीं राज्य सरकार की बस सेवाएं आज भी बुनियादी ढांचे के बिना काम चला रही हैं। यह न केवल यात्रियों की असुविधा है, बल्कि पर्यटन नगरी की छवि पर भी सीधा असर डालता है।

यह है हकीकत

राजस्थान के अधिकांश जिला मुख्यालयों और कई तहसीलों में रोडवेज़ के अपने बस स्टैण्ड हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर स्थापित जैसलमेर आज भी इस आधारभूत सुविधा से वंचित है। यहां से हर दिन जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, अहमदाबाद, बाड़मेर, तनोट सहित दर्जनों रूटों पर 30 से अधिक रोडवेज़ बसें संचालित होती हैं। रोडवेज़ के पास गड़ीसर रोड पर वर्ष 1974 में आवंटित 5.62 एकड़ में से वर्तमान में लगभग 4 बीघा भूमि रिक्त है, जो बस स्टैण्ड के लिए उपयुक्त मानी गई है।

भिजवाएं हैं प्रस्ताव

गड़ीसर रोड पर रोडवेज की खुद की भूमि उपलब्ध है। बस स्टैण्ड निर्माण का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा जा चुका है। लागत अनुमान लगभग एक करोड़ रुपए है। सहयोग और बजट मिलते ही निर्माण शुरू किया जा सकता है।
-दीपक कुमार, मुख्य प्रबंधक, जैसलमेर आगार

Published on:
05 Jul 2025 10:18 pm
Also Read
View All

अगली खबर