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JAISALMER NEWS- कलक्टर ने नहीं मानी किसानों की बात, अब खेतीहर करेंगे ऐसा…

मांगों को लेकर जैसलमेर में किसानों की महापंचायत, कलक्टर व किसान प्रतिनिधियों के बीच वार्ता रही विफल

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जताया रोष...फूटा किसानों का गुस्सा, जारी रहेगा धरना
जैसलमेर. किसान जागृति मंच की ओर से विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को जैसलमेर में महापंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान विभिन्न मांगों को लेकर जिला कलक्टर के माध्यम से प्रदेश की मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। इससे पूर्व किसान जागृति मंच तत्वावधान में सोमवार को किसान महापंचायत में किसानों की ओर से भू-गर्भ विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर विद्युत पत्रावली जमा करने व कनेक्शन जारी करने, भू गर्भ वैज्ञानिक को तुरन्त बर्खास्त करने सहित विभिन्न मांगे रखी गई। सोमवार को जिला कलक्टर व किसान प्रतिनिधियों के बीच हुई वार्ता विफल रहने पर किसानों द्वारा क्रमिक धरना जारी रखने व 4 जून को करीब 20 हजार किसानों का महापड़ाव किए जाने का निर्णय लिया गया।

IMAGE CREDIT: patrika

जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, प्रधान अमरदीन फकीर सहित विभिन्न जन प्रतिनिधियों ने किसानों की समस्या का समाधान नहीं होने तक राजस्व शिविर न्याय आपके द्वार का बहिष्कार किए जाने की घोषणा की। किसान महापंचायत को संयोजक सवाईसिंह देवड़ा, जिला प्रमुख अंजना मेघवाल, प्रधान अमरदीन फकीर, किसान नेता हाथीसिंह मूलाना, छोटू खां कंधारी, हिम्मताराम चौधरी, विक्रमसिंह पूनासर, लखसिंह चांधन, नरेन्द्रसिंह बेरसियाला, वीरसिंह तेजमालता, दिनेशपालसिंह, सुरेश व्यास, अचलाराम, फतेहसिंह झिनझिनयाली, गंगासिंह तेजमालता, गुमानसिंह भोपा, जनकसिंह सत्तो, जेतमालसिंह भैरवा, मनोहरसिंह नरावत, केसरसिंह झिनझिनयाली, स्वरूपसिंह, जुगतसिंह रावतरी, पन्नेसिंह देवड़ा आदि ने संबोधित किया।

यह है पांच सूत्री मांगे
-भू-जल विभाग की अनापत्ति प्रमाण पत्र की अनिवार्यता समाप्त कर कृषि कनेक्शन की पत्रावलियां डिस्कॉम कार्यालय में जमा करवाई जाए।
-भू-जल वैज्ञानिक पर डज्ञक जोन के नाम पर जिला प्रशासन व किसानों को गुमराह करने का आरोप।
-डिमाण्ड राशि जमा कराने वाले किसानों को 15 जून से पूर्व मेटरियल उपलब्ध करवाकर 30 जून तक कृषि कनेक्शन जारी किए जाएंं।
-किसानों को प्रताडि़त करने वाले डिस्कॉम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो।
-खरीफ फसल की कृषि आदान अनुदान राशि का शीघ्र भुगतान किया जाए और नहरी खालों को विभिन्न सरकारी योजनाओं में जोड़ा जाए।