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निर्जला एकादशी को होता है इस खास व्यंजन का जमकर दान, बाजार में आई तेजी

दान कर पुण्य कमाने के लिए कडक़ड़ व शक्कर से बनती है स्पेशल सेव

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Jaisalmer Patrika

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निर्जला एकादशी की तैयारी....परमाणु नगरी में महकेगी सिंघाड़े की सेवों की महक
-पहले पाली व जोधपुर से मंगाई जाती थी, अब पोकरण में ही बन रही
-अन्य मिठाइयों की तुलना में बनाना है कठिन
पोकरण(जैसलमेर). आगामी 23 जून शनिवार को निर्जला एकादशी के पर्व को देखते हुए कस्बे में सिंघाड़े की सेवे बनाने का कार्य चल रहा है। गौरतलब है कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के रूप में मनाया जाता है तथा इस एकादशी का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है।इस दिन लोग दिनभर उपवास रखकर दान पुण्य करते है। जिसके अंतर्गत विशेष रूप से आम, सिंघाड़े की सेव, खजूर की पंखियां, मटकियां जैसी वस्तुओं का दान किया जाता है।

IMAGE CREDIT: Patrika

आसान नहीं है बनाना
कस्बे में कई मिठाई की दुकानों में अब सेवे बनाने का कार्य किया जाने लगा है। सेव बनाने का कार्य विशेष रूप से कुशल कारीगरों द्वारा ही किया जाता है।स्थानीय सेव बनाने का कार्य करने वाले कैलाश पुरोहित ने बताया कि सेव बनाने का कार्य अन्य मिठाइयां बनाने से कठिन है। जिसमें समय अधिक लगता है।उन्होंने बताया कि पहले सिंघाड़े के आटे की सेव बनाकर उसे घी में तला जाता है। एक दिन ठण्डी होने व सूखने के बाद दूसरे दिन उस पर शक्कर की चासनी बनाकर उस पर चढाई जाती है। हालांकि जोधपुर व पाली से आने वाली सेव से स्थानीय स्तर पर बनाई जाने वाली सेव की कीमत ज्यादा होती है, क्योंकि बाहर से बिकने के लिए आने वाली सेव पर चढाई जाने वाली शक्कर की परत बड़ी होती है। जिससे उसके भाव कम होते है, लेकिन यहां बनाई जाने वाली सेव पर शक्कर की परत पतली होती है। जिसके कारण उसके भाव अधिक होते है। लोग ज्यादातर स्थानीय सेव को ज्यादा पसंद करते है।

निर्जला एकादशी को देखते हुए एक सप्ताह पूर्व ही स्थानीय मिठाई की दुकानों में सिंघाड़े की सेवे बनाने का कार्य शुरू हो गया है। पूर्व में ये सेवे जोधपुर, पाली आदि शहरों से यहां बिकने के लिए आती थी, लेकिन अब पोकरण में भी कारीगर सेवे बनाने लगे है। यहां कई मिठाई की दुकानों में सेवे बनाने का कार्य चल रहा है। फिलहाल सेव बनाकर उसका स्टॉक किया जा रहा है। एकादशी के दिन इन सेवों की खासी बिक्री होगी।

फैक्ट फाइल -
-24 तारीख को मनाई जाएगी निर्जला एकादशी
-10 क्विंटल बनाई गई है सिंघाड़े की सेवें
-6 के करीब मिठाई की दुकानों में होगी बिक्री
-2 लाख से अधिक का पर्व पर होगा कारोबार