एनआरआइ बोले- मूलभूत सुविधाओं के साथ विकास भी रहेगा मुद्दा
जैसलमेर/पोकरण. उनका प्रवास तो सात समंदर पार हैं, लेकिन उनका दिल भी अपने ही गांव, कस्बे व जिले में बसता है। विधानसभा चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है, ऐसे में चाय की चौपालों व गली-मोहल्लों व चौराहों से लेकर स्थानीय मुद्दों को लेकर प्रवासी भारतीयों में भी चर्चा का दौर है। राजस्थान पत्रिका ने ऐसे कुछ प्रवासी भारतीयों से बातचीत कर उनकी प्रतिक्रिया जानी।
समस्याओं का हो समाधान प्रदेश के सरहदी जिले में विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस बार चुनाव को लेकर जनता से जुड़े मुद्दे ही केन्द्र में होंगे। मतदाता भी इसी को ध्यान में रखकर प्रदेश की सरकार चुनेंगे। हालांकि सरहद से सटे होने के कारण जिले में समस्याएं और चुनौतियां आज भी हैं। सडक़ से लेकर पानी, बिजली और विकास कार्य...। मुख्य रूप से यही मुद्दे रहेंगे।
-मनोहर सुथार, दुबई, मूल निवासी झलोड़ा हेमावास, प्रवास-दुबई
क्षेत्र का हो विकाससरहदी जिले में चारों तरफ रेगिस्तानी क्षेत्र है। यहां गांवों व ढाणियों की दूरियां अधिक है और पर्याप्त मूलभूत सुविधाओं की कमी है। ऐसे में इन सुविधाओं का विस्तार हो और क्षेत्र विकास के पथ पर आगे बढ़ेए इसके लिए जनप्रतिनिधि को कार्य करने की जरुरत है।
-खीमाराम सुथार, दुबई, मूल निवासी राजमथाई
मूलभूत सुविधाओं की दरकार आजादी के 75 सालों बाद भी सुदूर रेत के धोरों के बीच बसे कई गांवों व ढाणियों में आज भी पानीए बिजलीए चिकित्साए शिक्षाए सडक़ जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। जनप्रतिनिधि इन सुविधाओं का विस्तार कर आमजन को राहत पहुंचाएं तो ग्रामीण क्षेत्र भी विकास के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे।
-स्वरूपसिंह भाटी, निवासी कतर, मूल निवासी मेहराजोत