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रामदेवरा मेला 2019 : दर्शन के लिए पाकिस्तान से भी आते हैं भक्त, ये है बाबा रामदेव के चमत्कार की कहानी

locationजैसलमेरPublished: Aug 29, 2019 07:34:20 pm

Submitted by:

rohit sharma

History of Ramdevra Temple Rajasthan : Ramdevra live today : विश्वभर में प्रसिद्ध Baba Ramdevra Mela 2019 की तैयारियां जोरो-शोरो से चल रही है। जैसलमेर के पोकरण में लगने वाला रामदेवरा मेला Ramdevra Temple Jaisalmer में एक सितंबर ( ramdevra mela 2019 date ) से शुरू होने जा रहा है। ramdevra temple timings : मेले के दौरान मंदिर को अलसुबह 3 बजे खोला जाएगा, जो देर रात 12 बजे तक खुला रहेगा।

Ramdevra Mela 2019

Ramdevra Mela 2019

जैसलमेर/पोकरण। विश्वभर में प्रसिद्ध बाबा रामदेव मेले ( Ramdevra Mela ) की तैयारियां जोरो-शोरो से चल रही है। जैसलमेर के पोकरण में लगने वाला रामदेवरा मेला ( Ramdevra Temple Jaisalmer ) एक सितंबर से शुरू होने जा रहा है। मेला भादौ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया पर लगता है। इस तिथि को बाबा का जन्म अवतरण दिवस माना जाता है।
राजस्थान से बाहर भी कई राज्यों से साथ ही कई विदेश में रहने वाले भारत मूल के श्रद्धालु भी बाबा के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। सूबे के मुखिया अशोक गहलोत भी रामदेवरा जाकर कई बार दर्शन चुके हैं।
हाल ही में मुख्यमंत्री Ashok Gehlot ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को विशेष राहत भी दी है। राज्य सरकार ने मेले में पड़ोसी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के सवारी वाहनों को वाहन कर (मोटर व्हीकल टैक्स) और विशेष सड़क कर ( Special Road tax ) में छूट देने का निर्णय लिया है।
रामदेवरा मेला 2019 : बाबा के दर्शन के लिए पाकिस्तान से भी आते हैं भक्त, ये है रामदेव के चमत्कार की कहानी

राजस्थान के बहार से भी आते हैं श्रद्धालु ( ramdevra mela rajasthan )

एकादशी तक लगने वाले अंतरप्रांतीय मेले में राजस्थान सहित गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, कोलकाता, मद्रास, बैंगलोर, बिहार, मध्यप्रदेश, पंजाब, हरियाणा व दिल्ली आदि प्रांतों से लाखों यात्री पैदल, मोटरसाइकिल, साइकिल, बस रेल व अन्य साधनों से यहां आकर बाबा की समाधि के दर्शन करते है और अपनी मनोकामना पूर्ण करने के लिए श्रद्धा सहित आराधना करते है।

तैयारियां हुई पूरी, सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

बता दें कि इस बार बाबा रामदेव का 635वां अंतरप्रांतीय भादौ मेला शुरू होगा। जिसको लेकर समाधि समिति की सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई है। बाबा रामदेव समाधि समिति के अध्यक्ष गादीपति राव भोमसिंह तंवर ने बताया कि एक सितम्बर को मेला शुरू होगा। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर समिति की ओर से 125 CCTV कैमरे लगाए गए है।
इससे पूर्व ही उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली गई है। मेले के दौरान मंदिर को अलसुबह 3 बजे खोला जाएगा, जो देर रात 12 बजे तक खुला रहेगा। सभी श्रद्धालुओं को सात कतारों में समाधि के दर्शन करवाए जा रहे हैं।

पाकिस्तान से भी भक्त आते हैं दर्शन के लिए

आपको बता दें कि Baba Ramdev Ji राजस्थान के प्रसिद्ध लोक देवता हैं। बाबा का अवतरण वि.सं. 1409 को भाद्रपद शुक्ल दूज के दिन तोमर वंशीय राजपूत तथा रूणीचा के शासक अजमलजी के घर हुआ। बाबा हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक भी माने जाते हैं। भक्तों का उनके प्रति समर्पण इतना है कि पाकिस्तान से मुस्लिम भक्त भी उन्हें नमन करने भारत आते हैं।

बाबा रामदेव जी का इतिहास ( History of Ramdevra Pokhran )
कहा जाता है कि जब Ramdev ji के चमत्कारों की चर्चा चारों ओर होने लगी तो मक्का (सऊदी अरब) से पांच पीर उनकी परीक्षा लेने आए। वे उनकी परीक्षा लेकर परख करना चाहते थे कि रामदेव बाबा के बारे में जो कहा जा रहा है, वह सच है या झूठ?

इस दौरान वे बाबा की परख करने के मकसद से रामदेवरा आए। वहां बाबा ने खुद उनका आदर-सत्कार किया और भोजन के लिए निमंत्रण भी दिया। जब भोजन के समय उनके लिए जाजम बिछाई गई तो एक पीर ने कहा, हम अपना कटोरा मक्का में ही भूल आए हैं। उसके बिना हम आपका भोजन ग्रहण नहीं कर सकते। इसके बाद सभी पीरों ने कहा कि वे भी अपने ही कटोरों में भोजन करना पसंद करेंगे। रामदेवजी ने कहा, आतिथ्य हमारी परंपरा है। हम आपको निराश नहीं करेंगे। अपने कटोरों में भोजन ग्रहण करने की आपकी इच्छा पूरी होगी।
यह कहकर बाबा ने वे सभी कटोरे रूणीचा में ही प्रकट कर दिए जो पांचों पीर मक्का में इस्तेमाल करते थे। यह देखकर पीरों ने भी बाबा की शक्ति को प्रणाम किया और उन्होंने बाबा को पीरों के पीर की उपाधि दी।
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