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JAISALMER NEWS- राजस्थान के बॉर्डर पर इस कारण बिगड़ती है कानून व्यवस्था, समझौतों पर चलना बनी मजबूरी

नफरी कम होने से व्यवस्था बनाने में आ रहा पसीना, संवेदनशील क्षेत्र में बाहर से बुलाना पड़ रहा जाब्ता

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फिर कैसे मजबूत होगा निगरानी तंत्र ? पोकरण से अधिक जाब्ता ग्रामीण क्षेत्रों में
पोकरण(जैसलमेर). आमजन में विश्वास व अपराधियों मेंभय का का माहौल पैदा करने का संदेश देने वाली पुलिस को थाने में स्टाफ की कमी के कारण कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में मशक्कत करनी पड़ती है। हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित थानों में पुलिस की नफरी पोकरण थाने से अधिक है, ऐसे में कोई रैली, धरना, प्रदर्शन तथा आपातकालीन स्थिति में बाहर के थानों से पुलिस बल बुलवाना पड़ता है।
संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है पोकरण
पोकरण एक महत्वपूर्ण सामरिक ठिकाना है। यहां सेना की वाहिनियों का स्थायी निवास है। फिल्ड फायरिंग रेंज भी यहां स्थित है। कस्बे के पास ही सीमा सुरक्षा बल की स्थाई बटालियन व 12 किमी दूर ख्यातिनाम बाबा रामदेव का मंदिर स्थित है। यहां वर्ष भर 60 से 70 लाख श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते है। ऐसे में पोकरण संवेदनशील क्षेत्र है तथा सभी तरह की सुरक्षा एजेंसियों की नजर रहती है। यहां भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के दो राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 11 व 125 निकलते है। जिसके चलते वाहनों का भी आवागमन लगा रहता है तथा सडक़ दुर्घटनाएं अधिक होती है। इसके अलावा जैसलमेर-जोधपुर, पोकरण-बाड़मेर रूटों पर चलने वाली बसों के बीच विवाद, तोडफ़ोड़, आगजनी की घटनाएं भी सामने आ चुकी है।

IMAGE CREDIT: patrika

यह है हकीकत
पोकरण में कोई बड़ा आंदोलन होने पर पर्याप्त जाब्ते के अभाव में पुलिस को बाहर से जाब्ता बुलाना पड़ता है। आसपास स्थित फलसूण्ड, रामदेवरा, सांकड़ा, लाठी थाने के अलावा पुलिस लाइन जैसलमेर से जाब्ता आने के बाद हालातों पर काबू पाने की स्थिति होती है। इस दौरान यदि जाब्ता आने में समय लगता है, तो कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने में स्थानीय पुलिस जाब्ते को खासी परेशानी होती है।
शहर से ज्यादा जाब्ता ग्रामीण क्षेत्र में
क्षेत्र के पुलिस थानों में नफरी के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पोकरण से अधिक जाब्ता ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात है। पोकरण थाने का क्षेत्र पांच किमी में फैला कस्बा, पूर्व दिशा में 25 किमी दूर लवां जिला सीमा बोर्ड तक, पश्चिम में 10 किमी सेलवी तक, उत्तर में सात किमी बीएसएफ तक, दक्षिण में 40 किमी भणियाणा सीमा तक, सांकड़ा रोड पर 15 किमी केलावा तक है। ऐसे में किसी हादसे, आंदोलन व अन्य वारदात के दौरान कम जाब्ते में परेशानी होती है। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में थानों का क्षेत्रफल कम होने के बावजूद नफरी अधिक दी हुई है।
पहले दिए 20, अब 4 कांस्टेबल
गत पांच वर्षों में सबसे अधिक बस विवाद फलसूण्ड रूट पर हुआ। यहां आए दिन बसों में तोडफ़ोड़, आगजनी, मारपीट, पुलिस पर पथराव होने पर पुलिस लाइन से उपखण्ड मुख्यालय भणियाणा स्थित पुलिस चौकी पर 20 कांस्टेबल का जाब्ता अतिरिक्त तैनात किया गया, लेकिन गत एक वर्ष से यहां मात्र चार कांस्टेबल ही तैनात किए गए है।

यह है स्थिति
पोकरण पुलिस थाना
पद स्वीकृत कार्यरत
सीआई 1 1
एसआई 1 2
एएसआई 1 0
हेड कांस्टेबल 5 4
कांस्टेबल 26 24
चालक 2 2
भणियाणा चौकी
एएसआई 0 1
हेड कांस्टेबल 1 0
कांस्टेबल 4 2
कस्बा चौकी
हेड कांस्टेबल 1 1
कांस्टेबल 5 3
लाठी पुलिस थाना
एसआई 1 1
एएसआई 6 2
हेड कांस्टेबल 5 5
कांस्टेबल 31 30
चालक 2 2
नोख पुलिस थाना
एसआई 1 1
एएसआई 1 1
हेड कांस्टेबल 5 4
कांस्टेबल 33 30
चालक 2 2