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ये बातें ध्यान नहीं रखेंगे तो धनवान भी हो सकते हैं कंजूस

लालच सभी को होता है। कम या ज्यादा हो सकता है परंतु हर आदमी अपने ढंग से लालची है। ध्यान रखिएगा, आपका लालची स्वभाव यदि लोगों को पता चल गया तो वे आपका फायदा उठा सकते हैं और आपको नुकसान हो सकता है

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Ruchi Sharma

Jul 25, 2016

Black Money

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जालौन. लालच सभी को होता है। कम या ज्यादा हो सकता है परंतु हर आदमी अपने ढंग से लालची है। ध्यान रखिएगा, आपका लालची स्वभाव यदि लोगों को पता चल गया तो वे आपका फायदा उठा सकते हैं और आपको नुकसान हो सकता है। फिर धन तो सीधे लालच से जुड़ा है। यह आता ही लालच के गलियारों से है। आप लालच की जितनी पूर्ति करेंगे, धन उतना तेजी से आएगा, इसलिए आज के समय में सारा जीवन धन के आसपास ही संचालित हो रहा है। ध्यान रखिएगा, तीन गति है धन की- दान, भोग और नाश। जालौन के विख्यात ज्योतिष पं. विजयशंकर मेहता बताते हैं कि जब हम धन से जुड़ते हैं या जीवन में धन उतरता है तो यदि हम धन के स्वामी बन गए तो कंजूस होकर रह जाएंगे।

वे कहते हैं कि यदि हमारे भीतर यह बात बार-बार आए कि मेरा धन-मेरा धन तो अहंकार पैदा होगा। दूसरी बात, धन को यदि सेवाभाव से जोड़ा तो हम दान करेंगे तथा धन को केवल विलास का विषय समझा तो भोगी हो जाएंगे। यदि धन के प्रति केवल पूर्ति का भाव रहा तो वह हमारी जरूरतें पूरी करने के काम आएगा, इसलिए जब धन के साथ जीएं तो उसके आदी मत हो जाइए वरना बिना उसके आप कोई काम नहीं कर पाएंगे।

दौलत के बीच रहना जिनकी आदत बन जाती है, ऐसे लोग फिर निकट से निकट संबंधों में भी धन ही देखने लगते हैं। दौलत यदि पिता की आदत है तो वह संतान को धन ही मानेगा। वैसे ही खर्च करेगा, वैसे ही बचाएगा। पति-पत्नी के संबंधों में भी जब धन आदत के रूप में उतरता है तो कलह आना ही है। उसे हम धन से बचा नहीं सकेंगे, लेकिन हमारे-उसके संबंध स्वामी के हैं, सेवा के हैं, पूर्ति के हैं या भोग के हैं, इसी हिसाब से धन हमारे लिए लाभकारी होगा या नुकसानदायक।