
Virus Demo Pic
Parvovirus Infection: मौसम बदलने से सिर्फ इंसान ही नहीं पालतू जानवरों की तबीयत भी बिगड़ रही है। पशु चिकित्सा विभाग के सर्दी के मौसम में पार्वो वायरस सक्रिय होने का अलर्ट दिया है। यह छोटे व पालतू जानवरों में संक्रमण कर उन्हें बीमार कर देता है। यह जानवरों के लिए घातक वायरल बीमारी है। यह वायरस 6 से 20 सप्ताह की उम्र के छोटे श्वानों को अपनी चपेट में लेता है। कई बार टिकाकरण नहीं होने पर बड़े जानवर भी इसकी चपेट में आ जाते है। पशु चिकित्सकों के अनुसार पालतू जानवरों की डॉबरमैन एवं लेब्राडोर नस्ल में इस वायरस का संक्रमण ज्यादा देखने को मिलता है।
कैनाइन पार्वो वायरस एक घातक वायरस है। यह पालतू कुत्तों के बाहरी के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा दूषित मल, सतह, भोजन, पानी के कटोरे व संक्रमित पट्टी व कॉलर से फैलता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर पालतू जानवर में सुस्ती, अवसाद, भूख में कमी, जी मिचलाना, लगातार दिन में 4-5 बार उल्टी करना व खूनी एवं बदबूदार दस्त लगती है।
पशु चिकित्सा विभाग के अनुसार सही समय पर उचित उपचार नहीं मिलने पर कैनाइन पार्वो वायरस जानलेवा हो सकता है। इस वायरस से संक्रमित होने पर डॉगी में निर्जलीकरण होता है। जिसके लिए ड्रीप लगाई जाती है। इसके अलावा एंटी एमेटिक्स, एंटी डायरियल, एंटासिड की डोज दी जाती है।द्वितीयक जीवाणु संक्रमण की संभावना को कम करने के लिए एंटीबायोटिक्स लगाई जाती है।
पालतू डॉगी को संक्रमण से बचाने के लिए समय पर टिकाकरण करवाना चाहिए। इसके अलावा संक्रमित होने पर तुरंत पशु चिकित्सक से सलाह लेकर इलाज करवाना चाहिए। सीपीवी संक्रमण से बचाव के लिए सालाना बूस्टर लगावें। वहीं डॉगी के रहवास वाले स्थान पर 2 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोरिट सॉल्यूशन का छिड़काव करना चाहिए।
डॉ राजीव जीनगर, ब्लॉक पशु चिकित्सा अधिकारी,भीनमाल
Published on:
08 Jan 2025 01:32 pm
बड़ी खबरें
View Allजालोर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
