जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा हटाने और धारा 370 हटाने के बाद चुनावों को लेकर लगातार चर्चाएं चलती रही हैं। अब उप राज्यपाल का इस पर बयान आया है।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के चुनाव वार्डों के परिसीमन और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए वार्डों के आरक्षण के पूरा होने के बाद होंगे।
सिन्हा ने कहा कि आम जनता और निर्वाचित प्रतिनिधियों को तालमेल के साथ काम करना चाहिए और संसाधन सृजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
सिन्हा ने जम्मू नगर निगम के पार्षदों के सम्मान समारोह में भाग लेने के दौरान कहा, ''शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) के चुनाव वार्डों के परिसीमन और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए वार्डों के आरक्षण के पूरा होने के बाद होंगे।'' इन पार्षदों का कार्यकाल आज समाप्त हो गया।
उपराज्यपाल ने निस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा करने, कोविड महामारी से लड़ने और संबंधित क्षेत्रों में नगरपालिका सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए सभी पार्षदों की सराहना की।
उन्होंने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में 73वें और 74वें संशोधनों के कार्यान्वयन में देरी के बावजूद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में, केन्द्र शासित प्रशासन ने अगस्त 2019 के बाद अधिक विभागों और कार्यों को निर्वाचित प्रतिनिधियों को स्थानांतरित करके निर्णय लेने और विकास के विकेंद्रीकरण के बुनियादी सिद्धांतों को सुनिश्चित किया है।''
मोदी के नेतृत्व में मजबूत और जवाबदेह स्वशासन
उन्होंने कहा कि मोदी के नेतृत्व में, जम्मू-कश्मीर के यूएलबी को मजबूत और जवाबदेह स्वशासन के लिए अधिक वित्तीय संसाधन प्रदान किए गए और सेवाओं तक अंतिम मील तक पहुंच के लिए समग्र पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित किया गया है। सिन्हा ने कहा, नगर निगम 21वीं सदी में नागरिकों की आकांक्षाओं का प्रतीक है।