सक्ती के मसनिया कला से लेकर अकलतरा के कुटीघाट तक नेशनल हाइवे की 100 किलोमीटर की सड़क के परखच्चे उड़ गए हैं। सड़क में घुटने भर के गड्ढ़े हैं।
जिसमें बारिश का पानी भर गया है। जिसमें आवागमन करना मुश्किलों भरा काम हो गया है। गंभीर समस्या को लेकर एनएच के अफसरों ने मिट्टी मुरूम पाटने का काम शुरू किया है।
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यही मिट्टी मुरूम लोगों के लिए जी का जंजाल बन गया है। मिट्टी पाटने से सड़क कीचड़ से सराबोर हो गया है। जिसमें आवागमन करना परेशानियों से भरा साबित हो रहा है।
सबसे खराब स्थिति जांजगीर के आउटर व चांपा के हरदेव पुल के आसपास है। जहां घुटने भर के गड्ढ़े हैं। जिसमें एनएच के अफसर मिट्टी मुरूम पाट रहे हैं।
जबकि यहां पेंचवर्क के नाम पर डामर पाटना चाहिए। मिट्टी मुरूम कीचड़ का रूप ले रहा और बारिश के पानी बह रहा। जबकि डामर पाटा जाता तो डामर सड़क पर जमता।
जिससे आवागमन व्यवस्थित हो सकती थी। लोगों की समस्या से एनएच के अफसरों को कोई सरोकार नहीं है। उन्हें तो केवल पेंचवर्क के नाम पर खानापूर्ति करनी है। विभाग की इस तरह की लापरवाही को लेकर लोगों में आक्रोश पनप रहा है।