40 साल के युवा ने किया कुछ ऐसा कि मरने के बाद भी आएंगे लोगों के काम
जिले के अकलतरा विकासखंड के ग्राम गढ़ोला निवासी एक युवक ने देहदान की
घोषणा की है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले युवा की इस घोषणा से एक नई पहल
की शुरूआत मानी जा रही है।
The 40-year-old has done something like that people will take help after the death
जांजगीर-तिलई.
जिले के अकलतरा विकासखंड के ग्राम गढ़ोला निवासी एक युवक ने देहदान की घोषणा की है। ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले युवा की इस घोषणा से एक नई पहल की शुरूआत मानी जा रही है। डबल एमए पास दो संतान के पिता युवक अपने जीविकोपार्जन के लिए तिलई में ठेला लगाता है।
मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों को मानव शरीर पर प्रैक्टिकल करने बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों द्वारा बड़े मुश्किल से मृत मानव देह तलाश किया जाता है।
समय के साथ मेडिकल कॉलेजों द्वारा जिला चिकित्सालय के माध्यम से लोगों को देह दान के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के करीब दर्जनभर लोगों ने देह दान की घोषणा की गई है।
इस पुनीत कार्य में ग्राम बुड़ेना के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी गुलाब सिंह का नाम भी शामिल है, जिनकी मृत्यु उपरांत उनका देह बिलासपुर के सिम्स के विद्यार्थियों के प्रैक्टिकल के काम आ रहा है।
समय के साथ अब आम लोग देह दान के अभियान से जुडऩे लगे हैं और इसका विस्तार अब ग्रामीण क्षेत्र में भी होने लगा है। जिले के अकलतरा विकासखंड के ग्राम गढ़ोला के रहने वाले चंद्रशेखर कोसले 40 वर्ष ने अपना देह दान करने की घोषणा कर नई पहल किया है।
चंद्रशेखर अर्थशास्त्र व अंग्रेजी में एमए व बीएड है। पीजीडीसीए की डिग्री भी चंद्रशेखर के पास है। वह अपनी जीविकोपार्जन के लिए तिलई बस स्टैंड में ठेला लगाता है।
स्कूल में पढऩेे वाले रोहन व मयूरी के पिता चंद्रशेखर ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने की सोची है और वह इस दिशा में सतत प्रयत्नशील है। इस कार्य में उसकी धर्मपत्नी अहिल्या कोसले का अहम योगदान है।