इसके अलावा गांव के कर्रा नाला जलाशय, जगास तालाब, अमहा तालाब, दर्री सहित अन्य तालाबों में अभी भी मगरमच्छों की भरमार है, जिनकी सुरक्षा या संरक्षण भगवान भरोसे है। देखरेख के अभाव में लगातार मगरमच्छों की जान जा रही है। इसके बावजूद वन विभाग के अफसरों को इससे कोई सरोकार नहीं है। अफसर केवल परियोजना क्षेत्र के मगरमच्छों का सरंक्षण करने हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं, जबकि गांव के अन्य तालाबों का मगरमच्छ मरे या किसी को मारे इससे उन्हें कोई सरोकार नहीं है।