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CG Conversion Case: हिन्दू युवक की ईसाई रीति-रिवाज से कर दिया अंतिम संस्कार, मचा बवाल

CG Conversion Case: मृतक की पत्नी और बेटे ने राजेंद्र के ईसाई धर्म अपनाने के कारण ईसाई रीति से अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद हिंदू और ईसाई समाज के बीच विवाद की स्थिति बनी थी।

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जशपुर

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Love Sonkar

Nov 21, 2024

CG Conversion Case

CG Conversion Case

CG Conversion Case: मामले की जांच के लिए भाजपा की पांच सदस्यी जांच टीम बुधवार को जशपुर जिले के आस्ता थाना क्षेत्र के कोरकोटोली गांव पहुंची। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिव रतन शर्मा की अध्यक्षता वाली जांच टीम ने गांव में मृतक राजेंद्र चोरांट के स्वजनों से मुलाकात कर, उनका बयान दर्ज किया। इस दौरान मृतक के माता-पिता ने ईसाई रीति से दफनाए गए शव को निकाल पर हिंदू रीति से अंतिम संस्कार करने की मांग की।

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जांच टीम को घटना की जानकारी देते हुए मृतक राजेंद्र चोरांट की बहन प्यारी बाई ने बताया कि उसके भाई की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई थी। मृत्यु के बाद उसके माता-पिता और स्वयं उसने भाई का अंतिम संस्कार हिंदू रीति से करने की मांग रखी थी। लेकिन मृतक की पत्नी और बेटे ने राजेंद्र के ईसाई धर्म अपनाने के कारण ईसाई रीति से अंतिम संस्कार कर दिया था। इसके बाद हिंदू और ईसाई समाज के बीच विवाद की स्थिति बनी थी।

आस्ता थाना के साथ कलेक्टर और एसपी को दिया था आवेदन

पूरी घटनाक्रम की जानकारी देते हुए, भुईहर समाज के अध्यक्ष भल साय ने जांच टीम को बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर आस्ता थाना के साथ कलेक्टर और एसपी को भी आवेदन दिया था, लेकिन अब तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। धर्मांतरण के इस मामले में जांच टीम ने मौके पर उपस्थित जशपुर के एसडीएम ओमकार यादव, मनोरा के तहसीलदार राहुल कौशिक और आस्ता के थाना प्रभारी संतोष तिवारी से भुईहर समाज द्वारा दिए गए आवेदन पर की गई कार्रवाई के संबंध में जानकारी मांगी।

थाना प्रभारी तिवारी ने बताया कि घटना में मर्ग कायम किया गया था। राजेंद्र चोरांट के अंतिम संस्कार को लेकर उपजे विवाद के संबंध में अधिकारियों का कहना था कि इसकी जानकारी उन्हें बहुत बाद में लगी थी। जांच टीम के सामने मृतक राजेंद्र के पिता लंधु राम, मां पतरीसिया और बहन प्यारी बाई ने ईसाई रीति से दफनाएं गए शव को निकाल कर, हिंदू रीति से अंतिम संस्कार करने की मांग रखी।

धर्मांतरण के बाद सामाजिक दुविधा की स्थिति

भुईहंर समाज के अध्यक्ष भलसाय का कहना था कि उनके समाज में भी शव को दफनाने की परंपरा है, लेकिन इसमें सनातन रीतियों का पालन किया जाता है। उन्होंने जांच टीम को बताया कि राजेंद्र के अंतिम संस्कार के लिए तैयार किए गए ताबूत में क्रूस लगा दिया गया था। आपत्ति किए जाने के बाद उसे हटाया गया लेकिन माता-पिता की आपत्ति किए जाने के बाद भी ईसाईयों के कब्रिस्तान में दफनाया गया है। प्यारी बाई ने जांच टीम को बताया कि राजेंद्र उसका इकलौता भाई है। ऐसे में उसके ईसाई रीति से अंतिम संस्कार हो जाने के बाद उसके माता-पिता के सामने सामाजिक दुविधा की स्थिति बन गई है।

हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने की मांग

जिले के आस्ता थाना क्षेत्र के कोरकोटोली गांव मे हुए कथित धर्मांतरण और युवक की आकाशीय गाज की चपेट में आकर मौत के बाद, उसकी ईसाई रीति रिवाज से हुई अंतिम संस्कार के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हिन्दूवादी संगठन और भाजपा इस मामले को लेकर मुखर है और मृतक की हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार के लिए शव को ईसाई कबिस्तान से निकालकर हिन्दू कबिस्तान में फिर से दफनाने की मांग पर अड़ी है। वहीं मृतक के माता-पिता और समाज के लोगों ने शव को ईसाई कब्रिस्तान से निकालकर हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार करने की मांग की है।