गांव के ही गोपाल रोजाना की तरह मछली पकड़ने के लिए गए घाट पर गए थे। मछली पकड़ने के लिए उन्होंने अपना जाल नदी में फेंका। कुछ देर बाद जब वह जाल वापस खींचने लगे तो उन्हें वज़न का एहसास हुआ। अंदाज़ा लगाया कि कोई बड़ी मछली जाल में फंस गई है। उन्होंने खुशी-खुशी जाल बाहर निकाला। जब गोपाल ने जाल खोलकर देखा तो उसमें एक मूर्ति फंस कर आई थी। मूर्ति को साफ कर देखा गया तो वह धातु निर्मित मां दुर्गा की मूर्ति की थी। उसको देख कर प्रतीत हो रहा था कि ये कोई प्राचीन मूर्ति है जो नदी में समाहित थी।
जाल फेंकने पर बाहर आ गई। गांव के लोग इसे मां दुर्गा का आशीर्वाद मान रहे हैं। उनको कहीं और नहीं जाने देना चाहते। उनकी कामना है कि गांव में मंदिर की स्थापना कर रोज़ाना पूजा करें। मूर्ति मिलने की खबर फैली तो वहां उसके दर्शन के लिए काफी लोग इकट्ठा हो गए किसी ने इस बात की जानकारी पुलिस को भी दे दी। शनिवार की सुबह पुलिस ने मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया। अब इस मूर्ति को जांच के लिए भेजा जा रहा है। वहां से साफ हो पाएगा यह मूर्ति कितनी पुरानी और किस धातु से निर्मित है।
By Javed Ahmad