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1.70 करोड़ की फर्जी लूट के मास्टर माइंड को पुलिस ने दिया वीआईपी ट्रीटमेंट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद मानीटर कर रहे थे पूरे मामले को

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जावेद अहमद
जौनपुर. बक्शा थानांतर्गत बसालतपुर छुंछा घाट के पास 31 अक्टूबर की रात हीरा व्यवसायी को गोली मार कर आभूषण समेत करीब 1.70 करोड़ रूपये लूट की घटना फर्जी निकली। पूर्वांचल की सबसे बड़ी लूट बनकर सुर्खियां बटोरने वाली इस घटना को सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मॉनीटर कर रहे थे। इसके बाद भी पुलिस ने दो दिन तक नाकों चना चबाने पर मजबूर करने वाले व्यापारी पर कृपा बरसाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। शुक्रवार की देर शाम जब एसपी ने प्रेस कांफे्रंस आयोजित की तो उसमें इस व्यापारी को उनके बगल वाली कुर्सी पेश की गई। इतना ही नहीं पूरी पत्रकारवार्ता में एसपी दिनेश पाल सिंह की जुबान व्यापारी को श्री-श्री कहते नहीं थकी। सवाल पूछा गया तो भड़क गए।

रायबरेली के हीरा व्यवसायी नागेश दुबे घटना वाली सुबह अपनी कार को खुद चलाते हुए वाराणसी और जौनपुर में हीरा सप्लाई करने निकले थे। एक प्रतिष्ठित ज्वेलरी शोरूम में सप्लाई कर दूसरे व्यवसायी के यहां जाने वाले थे कि रात अधिक हो गई। इस कारण वे बक्शा थाना क्षेत्र के ही सुल्तानपुर स्थित अपने पैतृक आवास जाने लगे। रात करीब सवा दस बजे उन्होंने पुलिस को फोन कर सूचना दी कि कुछ बदमाशों ने उनको गोली मार कर एक करोड़ सत्तर लाख की लूट की है। इतना बड़ी लूट सामने आते ही पुलिस प्रशासन की चूलें हिल गईं। टीम लगाई गई लेकिन बदमाशों का सुराग नहीं लगा। दूसरे दिन खबर मीडिया में सुर्खियां में रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान में लेते हुए एसटीएफ समेत आईजी और डीआईजी को इसमें लगा दिया। पूरे दो दिन तक टीम इधर-उधर हाथ मारती रही, लेकिन सुराग नहीं लगा। अचानक शुक्रवार की शाम पूरे लूटकांड में नया मोड़ आ गया। पुलिस लाइन में एसपी दिनेश पाल सिंह ने पत्रकार वार्ता आयोजित की। एसपी के ठीक बगल में कथित पीड़ित व्यापारी नागेश दुबे भी कुर्सी पर बैठे थे। इसके बाद नागेश दुबे ने जो खुलासा किया उसे सुन कर सभी दंग रह गए।

ये कहा व्यापारी ने
नगेश दुबे ने साफ शब्दों में मीडिया को बताया कि लूट की फर्जी शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी कुछ लोगों से मारपीट हुई थी। इस दौरान दूसरे पक्ष ने उन्हें गोली मार दी। अपना केस मजबूत करने के लिए उन्होंने फर्जी लूट का मुकदमा दर्ज कराया था। नागेश दुबे ने दावा किया कि उसने खुद पुलिस को फर्जी लूट के बारे में बताया।

पुलिस भी थपथपा रही अपनी पीठ
नागेश के दावे को दरकिनारे करते हुए पुलिस ने भी जांच में खुलासा किए जाने का दंभ भरा है। फर्जी लूट का खुलासा करते हुए एसपी दिनेश पाल सिंह अपनी पीठ थपथपाने से नहीं चूके। बताया कि जांच और अन्य सराफा व्यवसाइयों से पूछताछ में घटना पर संदेह पैदा हुआ था। इसके बाद इसकी परत दर परत खुलती गइ्र।

नहीं बता पाए कि क्यों लूट के मास्टरमाइंड को दिया वीआईपी ट्रीटमेंट
एक तरफ जहां पुलिस पूर्वांचल की सबसे बड़ी लूट से पर्दा हटा दिया है वहीं, उनके पास कोई जवाब नहीं था कि इतनी बड़ी लूट की साजिश रचने वाला व्यापारी उनके बगल में बैठ कर शान से पत्रकारवार्ता कैसे कर रहा है। जिस लूट ने प्रदेश की पुलिसिंग पर सवाल खड़ा कर दिया उसके मास्टर माइंड पर पुलिस इतनी मेहरबान क्यों है। सवाल खड़ा हुआ तो वे सकपका गए। कुछ नहीं सूझा तो सवाल को बहस बता कर टरका दिया। हालांकि पुलिस ये भी दावा कर रही है कि जांच में व्यापारी के खिलाफ सबूत मिलने पर उसके खिलाफ कार्रवाई करेगी, लेकिन एसपी ये भूल गए कि खुद ही व्यापारी चीख-चीख कर कह रहा है कि हां उसने ही फर्जी लूट की योजना बनाई थी। उसके इस इकबालिया बयान के बाद भी एसपी उसे कटघरे में खड़ा करने के बजाय अपने बगल में कुर्सी देकर इज्जत अफजाई में लगे रहे। शायद ये इसलिए भी हुआ क्योंकि वो कोई मामूली व्यक्ति नहीं था, वो हीरे का बड़ा कारोबारी था। उसके लिए ये प्रोटोकॉल पुलिस विभाग को जरूरी लगा।