29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

2000 बोरी मूंगफ ली अवैध रूप से महाराष्ट्र और 1000 कट्टा सोयाबीन गुजरात गया

राणापुर कृषि उपज मंडी में नियमों की अनदेखी, सरकार के लाखों रुपए का मंडी टैक्स हजम कर गए व्यापारी

2 min read
Google source verification
2000 बोरी मूंगफ ली अवैध रूप से महाराष्ट्र और 1000 कट्टा सोयाबीन गुजरात गया

2000 बोरी मूंगफ ली अवैध रूप से महाराष्ट्र और 1000 कट्टा सोयाबीन गुजरात गया

राणापुर. अनाज व्यापारी यहां जमकर सरकार को चूना लगा रहे हैं। सीजन चालू होने के बाद से अभी तक मूंगफ ली लगभग 2000 बोरी, सोयाबीन करीब 1000 कट्टे की आवक रही है। यह सभी सोयाबीन गुजरात व मूंगफ ली महाराष्ट्र सरकार को टैक्स का चूना लगाकर भेज दिया गया। लाखों रुपए मंडी टैक्स एवं जीएसटी व्यापारियों ने हजम कर लिया। मंडी कर्मचारियों को भनक तक नहीं या कहें उनकी सहमति या आपसी साठगांठ से यह टैक्स चोरी व्यापारी कर रहे हंै।

व्यापारियों और कर्मचारियों में तालमेल इतना बढिय़ा है कि शनिवार हाट बाजार में 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री की सभा थी तो आधे घंटे मंडी चालू कर बंद कर दी थी। गत शनिवार सुबह खानापूर्ति के लिए मंडी कर्मचारियों ने कुछ देर मंडी चालू कर नीलामी कर व्यापारियों से अपनी दुकानों पर माल तुलवाया जबकि नियमानुसार मंडी में खरीदी कर उपज को तुलावटी के सामने सही तौलना होता है। तुलावटी सत्यापित कर तौल पर्ची जारी करता है। उसके आधार पर किसान को भुगतान दिया जाता है लेकिन सभी नियम ताक पर रख दिए गए हंै।

फर्जी किसानों के नाम से बना रहे सौदे पत्रक
मंडी कर्मचारी बाहुबली व्यापारियों से आपसी सांठगांठ कर चलते हैं। व्यापारी फ र्जी किसानों के नाम से सौदे पत्रक मंडी कर्मचारियों से बनवा रहे हैं जबकि नियमानुसार किसानों के सामने सौदे पत्रक बनाना होता है। भुगतान पत्रक भी उसी समय उसी समय किसान को देना होता है लेकिन व्यापारी भुगतान पत्रक पर किसानों के नाम के फ र्जी हस्ताक्षर कर देते हंै।

व्यापारी अपने प्रतिष्ठान पर व्यापार करते रहे, मंडी कर्मचारी देखते रहे
मंडी कर्मचारी एवं सचिव पर व्यापारियों का इतना दबदबा है कि व्यापारी अपने प्रतिष्ठान पर खरीदी कर रहे हैं। वही मंडी कर्मचारी अपने ऑफि स में आराम फ रमा रहे थे। आलम यह है कि मंडी कर्मचारी हर व्यापारी की दुकान पर जाकर घंटों बैठते हैं, अवैध खरीदी पर सपोर्ट करते हंै।

सचिव की निष्क्रियता से मंडी में व्यापार बंद
मंडी में व्यापार होने पर सरकार को लाखों रुपए कर मिलता है, किसानों को उनकी उपज का सही तौल और भाव मिलता है, लेकिन राणापुर उपमंडी में यह हाल है कि जिन कर्मचारियों को शासन ने कर वसूली के लिए नियुक्त किया वही व्यापारियों के साथ मिलकर पतीला लगा रहे हैं। मंडी सचिव की निष्क्रियता के चलते मंडी में व्यापार नीलामी चालू नहीं हो रही है।

फुटकर व्यापारियों को परेशान करते हैं मंडी कर्मचारी : झाबुआ मंडी क्षेत्र में कई वर्षों से जारी छोटे एवं गरीब पल्ली व्यापारियों की रोजी-रोटी आज संकट में आ गई है। पल्ली व्यापारी रोजाना करीब 10000 का माल खरीद कर बड़े व्यापारी को बेच अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बड़े व्यापारी मंडी अधिकारी, कर्मचारी से सांठगांठ कर छोटे व्यापारियों की परेशान करते हैं। मंडी कर्मचारी धनी व्यापारी के सामने नतमस्तक होकर मलाई काटकर छोटे व्यापारियों का किसी ना किसी तरह से शोषण करते हैं। मंडी कर्मचारी और व्यापारी आपसी साँठगाँठ कर छोटे व्यापारी को नियम कानून बताकर कार्रवाई करने का कहते हैं। क्या मंडी के ये नियम बड़े व्यापारी के लिए लागू नहीं होते हैं।

बारिश के कारण मंडी में खरीदी नहीं हुई
&मंडी में चार ट्रॉली सोयाबीन की नीलामी हुई है। व्यापारियों ने मंडी में व्यापार करने पर कहा कि पानी आ रहा है, हमारा माल कहां रखेंगे। इसलिए मंडी व्यापार नहीं हो सका।
प्रेमसिंह अमलियार, (राणापुर उपमंडी प्रभारी)