आलीराजपुर. सड़क हमेशा से ही हादसों का पर्याय रही है। संकेतक का अभाव व वाहन चालकों की लापरवाही हादसे का कारण बनी है, तो कभी वाहनों की अनिश्चित दिशा और डेंजर स्पॉट वजह बनकर सामने आई है, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदार विभाग खतरनाक टर्निंग पाइंटों पर संकेतक न लगाते हुए चालानी कार्रवाई में लगे है।
खास बात यह है कि शहर के भीड़ वाले क्षेत्रों में गति अवरोधक तो बनाए गए लेकिन संकेतक नहीं होने से रोजाना हादसे हो रहे है। चालक अपनी मनमानी के मुताबिक वाहनों को सरपट दौड़ा रहे हैं। परिणाम स्वरूप हादसों की आशंका बढ़ गई है।
शहर के व्यावासियक क्षेत्र हो या विद्यालय, मार्केट कहीं भी भीड़ वाली इन जगहों को दर्शाने वाले बोर्ड नहीं लगाए गए है। यहां तक की खंडवा बड़ोदा मार्ग में यातायात संकेतकों की कमी है। इसकी वजह से वाहन चालक इन स्थानों से अनजान रहते हैं और इन स्थानों पर सदैव दुर्घटनाएं होती रहती हैं। पूर्व में भी कई हादसे हो चुके है।
शहर के मुख्य मार्ग पर न तो बोर्ड के माध्यम से वाहनों की गति का कोई निधारित मापदंड निश्चित किया गया है और ना ही शांत क्षेत्र यातायात संकेतकों से प्रदर्शित है। सबसे खास बात यह है की भीड़ वाले क्षेत्रों में भी यातायात संकेतक नहीं लगाए गए है। इससे यहां कई बार वाहनों की गति दुर्घटना का कारण बन जाती है। संकेतको के अभाव में कई बार मुख्य सड़क पर हादसेे हो चुके हैं। पूर्व की घटनाओं को ध्यान में रखा जाए तो साफ तौर से स्पष्ट होता है कि वाहनों की गति और संकेतकों के अभाव में दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। फिर भी संकेतक लगाने के लिए अधिकारियों ने पहल नहीं की।