
राहत राशि देने में मप्र के साथ सौतेला व्यवहार
झाबुआ. अतिवृष्टि से प्रदेश के 52 में से 39 जिलों की 284 तहसीलों में भारी नुकसान हुआ। करीब 60.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में 16 हजार 270 करोड़ की फसल तबाह हो गई। 1.20 लाख घरों को क्षति पहुंची। 674 नागरिकों की मौत हो गई और 11 हजार किमी से अधिक सड़कों को नुकसान पहुंचा। मप्र सरकार ने केंद्र से 6621.28 करोड़ रुपए की राहत राशि मांगी, लेकिन सरकार ने अब तक राष्ट्रीय आपदा कोष से एक भी रुपया नहीं दिया। जबकि बिहार और कर्नाटक को राहत राशि दी गई।
यह आरोप कांग्रेस प्रवक्ता संतोषसिंह गौतम ने लगाया। वे रविवार को अतिवृष्टि से प्रदेश में हुए नुकसान को लेकर संवाददाताओं से चर्चा करने आए थे। गौतम ने बतायाकि जिस तरह से केंद्र सरकार का रवैया है। उसे देखकर लगता हैकि भाजपा का शीर्षस्थ नेतृत्व मप्र में अपनी हार को पचा नहीं पाया और इसका बदला प्रदेश के नागरिकों से लिया जा रहा है। गौतम ने कहाकि मप्र के 29 में से 28 सांसद भाजपा का है। उन्होंने भी प्रदेश के लोगों को राहत दिलाने के लिए आवाज नहीं उठाई। उल्टा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेशसिंह अनर्गल बयान देकर किसानों व वंचित वर्ग की पीड़ा को बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
गौतम ने बताया कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार हुआ करती थी उस वक्त मप्र में प्राकृतिक आपदा आई तो केंद्र सरकार प्रदेश की भाजपा सरकार के साथ खड़ी रही और तत्काल आथर््िाक सहायता उपलब्ध कराई। गौतम ने कहा-फिलहाल कमलनाथ सरकार इस कठिन घड़ी में प्रदेश के नागरिकों के साथ खड़ी है। जहां जानमाल की हानि हुई है वहां पर अब तक 200 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही 270 करोड़ की राशि उन जिलों को दी गई है जहां किसानों की फसलें सर्वाधिक प्रभावित हुई है।
Published on:
04 Nov 2019 12:02 am
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