मुख्यमंत्री तक शिकायत पहुंची तो चीफ इंजीनियर समेत तीन अभियंताओं पर गिरी गाज- एक एसई और एक एक्सईएन पर और गिर सकती है गाज
झालावाड़। एक केबिनेट मंत्री और विधायक ने परवन परियोजना के बारां खण्ड में अनियमितता की शिकायत मुख्यमंत्री से की। इसके बाद जल संसाधन विभाग के शीर्ष अधिकारियों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई होने लगी है। शिकायत को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस सरकार के पिछले शासन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने परवन परियोजना का बारां में शिलान्यास किया था। राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग कोटा खण्ड के मुख्य अभियंता राजीव चौधरी तथा परवन परियोजना के अधीक्षण अभियंता कृष्ण मोहन जायसवाल को शुक्रवार को एपीओ कर दिया है। विभाग के शीर्ष अधिकारियों को एपीओ करने के कारणों का फि लहाल खुलासा नहीं हो पाया हैए लेकिन सूत्रों का कहना है कि परवन परियोजना के कार्य को लेकर सरकार के पास उच्च स्तरीय शिकायत पहुंची थी। इसके बाद तत्काल दोनों को एपीओ कर दिया गया है। शनिवार को परवन के बारां खण्ड के अधिशासी अभियंता एससी मित्तल को भी एपीओ कर दिया है। शिकायत 2019 की परवन नहर की डिजाइन को लेकर की गई है। तत्कालीन अधीक्षण अभियंता और तत्कालीन एक्सईएन पर भी कार्रवाई के संकेत मिले हैं। उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि तीन वरिष्ठ अभियंताओं के एपीओ करने के बाद सरकार तक यह बात पहुंची है कि जिन अभियंताओं के वक्त यह गड़बड़ी हुई है, वह भी तक बचे हुए हैं। राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश के तहत आईएमटीआई के महानिदेशक राजेन्द्र कुमार पारीक को अग्रिम आदेश तक कोटा खण्ड के मुख्य अभियंता का दायित्व भी दिया गया है। इसके अलावा अन्य अभियंताओं को भी इधर.उधर किया गया है। इसमें परवन परियोजना के अधीक्षण अभियंता के पद पर साबिर हुसैन को लगाया है। बारां के एक्सईएन शिवशंकर मित्तल का शुक्रवार को चम्बल परियोजना कोटा में तबादला किया और शनिवार को एपीओ के आदेश जारी किए गए हैं।