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Jhalawar School Collapse: झालावाड़ के मनोहरथाना ब्लॉक के पिपलोदी गांव में स्कूल भवन जमीदोंज करने के बाद वहां अध्ययनरत बच्चों का दाखिला पास के सरकारी या निजी स्कूल में होगा। इन बच्चों को घर से स्कूल लाने और ले जाने के लिए परिवहन के साधन की व्यवस्था की जाएगी।
जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ ने बुधवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बच्चों की शिक्षा समेत गांव के विकास के लिए विभिन्न कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका के बुधवार के अंक में ’स्कूल जमींदोज, सभी शिक्षक निलम्बित, बच्चे कैसे पढ़ेंगे… अभी तय नहीं’ शीर्षक से बच्चों और उनके अभिभावकों की कई समस्याओं उजागर किया था।
बैठक में जिला कलक्टर ने मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि पिपलोदी स्कूल के बच्चों के लिए राजकीय या निजी स्कूलों में वैकल्पिक शिक्षण व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। प्रत्येक बच्चे को पाठ्य सामग्री, बैग, टिफिन, वाटर बॉटल, यूनिफार्म और पोषाहार की आपूर्ति तय समय में हों। यह सुनिश्चित किया जाए। इसके साथ ही स्कूल आने-जाने के लिए परिवहन सुविधा की जिम्मेदारी जिला परिवहन अधिकारी को दी।
जिला कलक्टर ने कहा कि पिपलोदी हादसा एक आकस्मिक त्रासदी थी लेकिन हादसे के बाद परिस्थितियों को संभालना, मृतक बच्चों के परिवार को हर संभव सहायता प्रदान करना, घायल बच्चों का बेहतर से बेहतर इलाज करवाकर उन्हें स्वस्थ करके उनको भविष्य में अच्छी शिक्षा प्रदान करना अब हमारा महत्वपूर्ण लक्ष्य व जिम्मेदारी है।
जिला कलक्टर ने स्पष्ट किया कि अब प्रशासन का फोकस केवल राहत पर नहीं बल्कि हर ग्रामीण तक जनकल्याण योजनाओं को पहुंचाने और पिपलोदी को आदर्श गांव बनाने पर है। राशन, पेंशन, आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा हर क्षेत्र में सिस्टमेटिक कवरेज सुनिश्चित किया जा रहा है।
बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पात्र परिवारों को 25 लाख की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। हर परिवार का राशन कार्ड बनाकर खाद्य सुरक्षा योजना से जोड़ा जा रहा है। सभी पात्र दिव्यांगजनों और वृद्धजनों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के लिए चिन्हित किया जा चुका है। गांव की मुख्य सड़कों के नवीनीकरण के प्रस्ताव तैयार किए जा चुके हैं। गांव से शमशान के रास्ते होते हुए बिसलोई मैन रोड़ तक 14.89 लाख रुपए से इन्टरलाकिंग खरंजा निर्माण कार्य स्वीकृत किया जा चुका है। मृतक एवं घायल बच्चों के परिवारों को मेड़बन्दी, वर्मी कम्पोस्ट, पशु आश्रय, जॉब कार्ड की स्वीकृति भी दी गई है।
कलक्टर ने सख्त निर्देश दिए कि यदि किसी भी सरकारी विद्यालय आंगनबाड़ी केंद्र या सरकारी कार्यालय का भवन जर्जर है तो जब तक वैकल्पिक भवन की व्यवस्था न हो जाए, तब तक वहां कार्य संचालन न किया जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और इस पर कोई समझौता नहीं होगा। वैकल्पिक व्यवस्था होने के बाद ही बच्चों को भिजवाना सुनिश्चित करें।
Updated on:
31 Jul 2025 04:24 pm
Published on:
31 Jul 2025 04:23 pm
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