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झालावाड़ के दामाद थे ओम पुरी, सुकून के पल बिताने आते थे अक्सर

झालावाड़. जाने-माने फिल्म अभिनेता ओमपुरी (66) का गुरुवार देर रात को मुंबई में निधन होने के बाद झालावाड़ में शोक की लहर है। उनका झालावाड़ से गहरा नाता था। वे अक्सर यहां आया करते थे।

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Shailendra Tiwari

Jan 06, 2017

झालावाड़. जाने-माने फिल्म अभिनेता ओमपुरी (66) का गुरुवार देर रात को मुंबई में निधन होने के बाद झालावाड़ में शोक की लहर है। उनका झालावाड़ से गहरा नाता था। वे अक्सर यहां आया करते थे।

नवम्बर माह में ओमपुरी झालावाड़ में मिस्टर कबाड़ी फिल्म की शूटिंग के लिए भी आए थे। उनका विवाह झालावाड़ निवासी सीमा कपूर से हुआ था।

उनके साले निखिल कपूर ने बताया कि उनका निधन मुंबई में देर रात को हुआ। जानकारी शुक्रवार सुबह लगी और वे मुंबई में अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे है।

उन्होंने बताया कि झालावाड़ से ओम पुरी का विशेष लगाव रहा है। अक्सर सुकून के पलों में वे झालावाड़ आया करते थे। फिल्में व टीवी सीरियल भी कई बनाए हंै।

किले का रहस्य, मेरा गांव मेरा देश सीरियल व फिल्म हाट द् वीकली बाजार, मिस्टर कबाड़ी फिल्म में अधिकांश दृश्य झालावाड़ में फिल्माए। उन्होंने बताया कि वे बहुआयामी कलाकार थे।

कुछ अलग हटकर फिल्में बनाने का उनका शौक था। उन्होंने झालरापाटन व रैन-बसेरे के समीप भी कुछ दिनों पूर्व जमीन में निवेश किया था।

भवानीमंडी निवासी राकेश थांवरिया ने बताया कि सिने अभिनेता से उनकी दोस्ती 45 सालों से है। उनके निधन का समाचार सुनकर वो स्तब्ध हैं। बचपन के मित्र अन्नूकपूर ने ही उनकी मुलाकात करवाई थी।

पुरी जब जब झालावाड़ आते तो उनको बुलवाकर पारिवारिक बातें किया करते थे। उनमें देश भक्ति का भी बड़ा ज''बा था। राजनीति पर उनकी खासी पकड़ थी। उन्होंने दावा किया कि जिले के स्थानीय कलाकारों को मौका देने के लिए फिल्मसीटी का निर्माण करने की उनकी योजना थी।

भवानीमंडी निवासी राजेश करावन के मुताबिक सिने अभिनेता ओमपुरी खुद्दार शख्सियत के मालिक थे। उनका निधन जिले की अपूरणीय क्षति है। वो यहां काफी कुछ करने की सोचा करते थे।

अनुशासन उनकी कार्यशैली में झलकता था। वो जब भी मिलते थे, हमेशा फिल्मों की बातें न कर पारिवारिक व देश में चल रही राजनीति के बारे में बातें करते थे। सभी काम वो स्वयं अपने हाथों से करते थे। राष्ट्रीयता उनकी शैली में झलकती थी।