scriptRajasthan : तरबूज खाने से 16 की बिगड़ी तबीयत, कहीं आप तो नहीं खा रहे इंजेक्शन लगा ‘लाल जहर’, ऐसे करें पहचान | Rajasthan : 16 people got food poisoning after eating watermelon, How To Identify An Injected Watermelon | Patrika News
झालावाड़

Rajasthan : तरबूज खाने से 16 की बिगड़ी तबीयत, कहीं आप तो नहीं खा रहे इंजेक्शन लगा ‘लाल जहर’, ऐसे करें पहचान

गर्मी के मौसम में तरबूज सबसे फायदेमंद फल माना जाता है। लेकिन, ज्यादा मुनाफे के चक्कर में तरबूज विक्रेता इन्हें इंजेक्शन लगाकर लाल कर देते है। ऐसे तरबूज स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होते है।

झालावाड़May 31, 2024 / 10:18 am

Anil Prajapat

watermelon
Rajasthan News : झालावाड़। आम खाने के शौकीन लोग संभल जाएं। यह शौक आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। क्योंकि इन दिनों मार्केट में जहरीले इंजेक्शन लगे तरबूज खूब आ रहे है। ज्यादा लाल और रसीला दिखाने वाले तरबूज स्वाद में भले ही अच्छा लगे पर सेहत के लिए हानिकारक है। कुछ ऐसा ही मामला झालावाड़ जिले के अकलेरा थाना क्षेत्र के जमुनिया खुर्द गांव में बुधवार रात तरबूज खाने से 16 जनों की तबीयत बिगड़ गई।
तरबूज खाने से फूड पॉइजनिंग की शिकायत पर सभी को अकलेरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। गुरुवार को 10 मरीजों की तबीयत ठीक होने पर छुट्टी दे दी गई। लेकिन, 6 लोगों का इलाज अभी भी जारी है। सूचना पर फूड विभाग के अधिकारियों ने तरबूज विक्रेता के खिलाफ गुरुवार को कार्रवाई की। थानाधिकारी सहदेव सिंह ने बताया कि सभी की हालात अब सामान्य है।

कितना खतरनाक होगा है इंजेक्शन लगा तरबूज

गर्मी के मौसम में तरबूज सबसे फायदेमंद फल माना जाता है। लेकिन, ज्यादा मुनाफे के चक्कर में तरबूज विक्रेता इन्हें इंजेक्शन लगाकर लाल कर देते है। ऐसे तरबूज स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक होते है। तरबूज को लाल करने और पकाने के लिए लेड क्रोमेट, मेथनॉल यलो और सूडान रेड जैसे कृत्रिम रंग के साथ कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे तरबूज खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है। इसके अलावा लीवर और किडनी भी खराब हो सकती है।

ऐसे करें इंजेक्शन लगे तरबूज की पहचान

—इंजेक्शन लगे तरबूज में अंदर की ओर छोटा सा छेद बना होता है, जिसे ज्यादातर लोग प्राकृतिक मान लेते हैं। लेकिन तरबूज में ये निशान इंजेक्शन का हो सकता है। क्योंकि प्राकृतिक रूप से पके तरबूज में इस तरह का छेद मौजूद नहीं होता है।
—तरबूज काटने के बाद उसके ऊपर एक टिशू पेपर रखकर थोड़ी देर बाद हटाएं। यदि टिशू पेपर पर लाल रंग लगता है, तो समझ जाएं कि तरबूज को केमिकल से पकाया गया है।
—केमिकल से पकाए गए तरबूज की मिठास प्राकृतिक रूप से पके तरबूज से अलग होती है। अगर तरबूज काटने पर अंदर से लाल है, लेकिन उसमें मिठास कम हैं तो समझ जाइए कि इसे केमिकल से पकाया गया है।
—तरबूज का एक टुकड़ा काटकर पानी से भरे एक पैन में डालें। यदि पानी का रंग बदल जाता है तो समझें कि तरबूज को केमिकल से पकाया गया है।

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