कार्यक्रम में कलक्टर ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे ‘एक युद्ध नशे के विरूद्धअभियान’ के मुख्य किरदार आप सभी किशोर बालक-बालिकाएं हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी के सहयोग से हम सब मिलकर झालावाड़ को नशे से मुक्त जिला बनाएंगे।
जिला कलक्टर ने कहा कि नशा बेचने वाले हर जगह मिल जाएंगे। वो इसका आदी बनने के लिए आपको मजबूर करेंगे लेकिन आपको ना कहने की आदत डालनी होगी, तभी आप अपने जीवन की सफलताओं को पा सकेंगे अन्यथा नशा आपके जीवन की हर सफलता और मंजिल को नष्ट कर देगा। नशे के दुष्परिणाम को जाने और मेहनत कर जीवन में आगे बढ़े क्योंकि स्थायी सफलता मेहनत से ही अर्जित की जाती है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को नशा नहीं करने की शपथ दिलाई।
पुलिस को मिल रहा सहयोग कार्यक्रम में पुलिस उपाधीक्षकहर्षराज सिंह खरेड़ा ने कहा कि नशा मुक्ति की सबसे अहम जिम्मेदारी पुलिस विभाग की होती है, परन्तु वर्तमान में कई शिक्षण संस्थाएं एवं सामाजिक संस्थाएं भी इसमें पुलिस विभाग का सहयोग कर रही हैं। कार्यक्रम को मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी रामसिंह मीणा ने भी संबोधित किया।
विद्यार्थियों की शंकाओ को किया दूर इस मौके पर विभिन्न राजकीय एवं निजी विद्यालयों के विद्यार्थियों ने नशे से दूर रहने, इसके दुष्परिणाम, मोबाइल की आदत छुड़वाने एवं जीवन में सफलता के मूल मंत्र को जानने से संबंधित प्रश्नों एवं अपने मन की शंकाओं को जिला कलक्टर के साथ साझा किया। जिला कलक्टर ने सभी विद्यार्थियों के प्रश्नों के जवाब बड़ी सुगमता से उदाहरण के साथ दिए एवं बच्चों के मन की शंकाओं को दूर किया।
लघुनाटिका प्रस्तुत की
- विद्यार्थियों ने नशे के दुष्परिणामों को समझाने के लिए लघुनाटिका प्रस्तुत की गई। साथ ही बाल अधिकारिता विभाग के माध्यम से विद्यार्थियों को बाल विवाह रोकथाम की शपथ भी दिलाई गई। कार्यक्रम को उपखण्ड अधिकारी अभिषेक चारण, प्राइवेट स्कूल्स वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष उदयभान सिंह, मनोज शर्मा, जॉनसेन टी.सेम, बाल अधिकारिता विभाग से संरक्षण अधिकारी विष्णु कुमार और परिवीक्षा अधिकारी महावीर सिंह ने भी संबोधित किया।