
हरिसिंह गुर्जर
Jhalawar News : सरकारी स्कूलों में शिक्षा के साथ व्यावसायिक शिक्षा के प्रति विद्यार्थियों का रुझान बढ़ा है। व्यावसायिक शिक्षा के माध्यम से छात्राएं ब्यूटी एवं वेलनेस तथा हेल्थ केयर जैसे कोर्स सीख रही हैं। वहीं कई विद्यार्थी आईटी, ऑटोमोबाइल, सिविल कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चर सहित कई कोर्स सीख रहे हैं। स्कूल समय में ही रोजगारोन्मुखी कोर्स के प्रति ना केवल विद्यार्थियों बल्कि अभिभावकों का भी फोकस है। इसी वजह से सरकार ने भी जिले में इसबार 42 नए स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की है। इन स्कूलों में नए सत्र से जुलाई से प्रवेश दिया जाएगा। अब जिले में कुल 86 स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा का अध्ययन करवाया जाएगा।
इन ट्रेड में प्रवेश
जिले में जिन स्कूलों में नई ट्रेड शुरू की है उनमें बैंकिंग फाइनेंस, एग्रीकल्चर, टेलीकॉम, एप्रेल एंड मेडअप होम फर्निशिंग, प्लम्बर, ऑटोमोटिव, सिविल कंस्ट्रक्शन, इंर्फोमेशन, फुड प्रोसेसिंग आदि नई ट्रेड खोली गई है।
पढ़ाई के साथ हुनर
सरकारी स्कूलों में पढऩे वाली अधिकांश छात्राएं मध्यम या इससे कम आय वर्ग वाले परिवारों की हैं। ऐसे में बिना कुछ खर्च किए पढ़ाई के साथ बालिकाएं ब्यूटी एवं वेलनेस का कोर्स सीख रही हैं। वहीं छात्र कोई ऑटोमोबाइल तो आईटी, रिटेल सहित अन्य कोर्स सीख रहे हैं। इससे बालिकाओं में ना केवल स्वास्थ्य के प्रति अवेयरनेस आ रही है बल्कि अपने परिवार में भी स्वास्थ्य शिक्षा के बारे में जानकारी दे रही है।
यहां आ रही परेशानी
जिले के 9 स्कूलों में हेल्थ केयर एवं फर्स्ट एड फिजोयोथैरपिस्ट की ट्रेड लेकिन उनमें कोई शिक्षक नहीं होने से इस कोर्स में छात्राएं ड्रिप लगाना, इंजेक्शन लगाना, प्राथमिक उपचार संबंधी सभी तरह का प्रशिक्षण नहीं ले पा रही है। ऐसे में जिले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पगारिया, भालता, बकानी गर्ल्स एवं ब्वाईज,ल्हास, कोटडी, चौमहला, मिश्रोली, भवानीमंडी आदि स्कूलों में वीटी (वोकेशनल ट्रेनर) के अभाव में अध्ययन नहीं हो पा रहा है। वहीं जिले में अन्य ट्रेड में अभी 13 शिक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। इससे भी समस्या आती है। इसका भी सरकार को समाधान करना चाहिए।
चार वर्षीय पाठ्यक्रम दिल्ली से मिलेंगे सर्टिफिकेट
व्यावसायिक शिक्षा के कक्षा नवमीं में प्रथम चरण,दसवीं में द्वितीय, ग्यारहवीं में तृतीय चरण तथा बारहवीं में चतुर्थ चरण के पाठ्यक्रम संचालित हैं। चारों चरणों के बाद दिल्ली से सर्टिफिकेट का प्रावधान है।ये सर्टिफकेट भविष्य में विद्यार्थियों के खासा काम आता है।
ओपन यूनिवर्सिटी की तरह होगा अध्ययन
जिले में नए शिक्षा सत्र से पांच स्कूलों में ओपन यूनिवर्सिटी की तरह शिक्षा दी जाएगी। जहां कोई भी बच्चा जो ड्रॉप-आउट है, वो आकर अपने अपनी सुविधा के अनुसार अध्ययन कर सकेगा। जिले में ऐसे पांच स्कूल में सारोला कला में ब्यूटी एवं वेलनेस, रीछवा में ओटोमोटिव, सिंघानिया व माणकपुर-पिपलिया में एप्रेल, मेड अप होम फर्निशिंग ट्रेड खोली गई है, जहां 18 साल का कोई भी बच्चा अध्ययन कर सकता है।
नई शिक्षा नीति में कॉलेज में भी शुरू होगी
व्यावसायिक शिक्षा प्रभारी रफत अनवर ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अनुसार व्यावसियक शिक्षा अभी स्कूलों में दी जा रही है। ये अब कॉलेज स्तर पर भी शुरू की जाएगी। ऐसे में कोई भी बच्चा चार स्कूल में पढऩे के बाद उसे कॉलेज स्तर पर भी पढ़ेगा तो उसकी अच्छी पकड़ उस क्षेत्र में हो जाएगी। जो उसे भविष्य में काफी काम आएगी। बच्चों के लिए नई ट्रेड के अनुसार पुस्तकों की डिमांड भेज रखी है।
ब्लाक स्कूल का नाम
जिले में इस सत्र के लिए 42 नए स्कूलों में व्यावसायिक शिक्षा शुरू की जाएगी। इससे बच्चे हुनरमंद बनेंगे। वहीं कई बालिकाएं ब्यूटी एंड वेलनेस का कोर्स सीख रही है जो उन्हे घर बैठे रोजगार से जोड़ा। सरकार का अच्छा प्रयास है कि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ कुछ हुनर सीखे।
सीताराम मीणा, एडीपीसी, समसा, झालावाड़
Published on:
29 May 2024 01:21 pm
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