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राजस्थान के इस गांव में रेतीले धोरों में सेब की बम्पर पैदावार, हो रही लाखों रुपए की आय

नवलगढ़ सीमा से सटे बेरी गांव में एक किसान परिवार जैविक खाद का उपयोग कर सेब की खेती से लाखों कमा रहा है। उन्होंने आठ साल पहले मात्र पांच पौधे सेब के लगाए थे, आज उनके बगीचे में सेब के सौ पेड़ खड़े हैं।

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पुष्पेन्द्र सिंह दूत/नवलगढ़। नवलगढ़ सीमा से सटे बेरी गांव में एक किसान परिवार जैविक खाद का उपयोग कर सेब की खेती से लाखों कमा रहा है। उन्होंने आठ साल पहले मात्र पांच पौधे सेब के लगाए थे, आज उनके बगीचे में सेब के सौ पेड़ खड़े हैं। किसान संतोष खेदड़ व उनके पति रामकरण खेदड़ वर्ष 2008 से लगातार बागवानी व फलदार पेड़ों की खेती में नवाचार कर रहे हैं। उनका बेटा भी कृषि विज्ञान में एमएससी की पढ़ाई के बाद बागवानी में ही लग गया। तीनों की मेहनत का ही आज उन्हें फल मिल रहा है।

दसवीं तक पढ़ी संतोष देवी अपने बगीचे में नर्सरी व बागवानी रिसर्च सेंटर भी चलाती है। अब तक वह हजारों किसानों को जैविक खेती व बागवानी के गुर सिखा चुकी है। उनके बगीचे में सेब के अलावा अनार, रेड जापानी अमरूद, मौसमी, बेर, चिकू, किन्नू की भी शानदार पैदावार हो रही है।

जीवामृत का घोल आता है काम
संतोष अपने बगीचे में किसी प्रकार के रासायनिक कीटनाशक व रासायनिक खाद का उपयोग नहीं करती। वह जैविक खाद, नीम, आक, गौमूत्र आदि से बनाया हुआ कीटनाशक घोल पौधों की जड़ों में व ऊपर कीटनाशक के रूप में काम में लेती है। जीवामृत घोल तैयार करते हैं। हर महीने एक पौधे में एक लीटर डाला जाता है। इससे जमीन का तापमान बना रहता है।

राष्ट्रीय स्तर पर हो चुके सम्मानित
संतोष व उनके परिवार को कई बार जिला स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पुरस्कृत किया जा चुका है। उन्हें वर्ष 2019 में आईएफएस द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन में किसान वैज्ञानिक के पुरस्कार से नवाजा गया। वर्ष 2016 में संतोष को कृषि वैज्ञानिक की पदवी मिली।

कोई भी कर सकता है सेब की खेती
संतोष ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2015 से अपने बगीचे में एचआरएमएन 99 किस्म के सेब के 5 पौधों लगाए। इसके बाद लगातार मेहनत की। आज उनके बगीचे में सेब के सौ बड़े पेड़ खड़े हैं। उन्होंने बताया कि इस किस्म के सेब की खेती कोई भी कर सकता है।

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9 से 10 हजार रुपए प्रति पेड़ से आय
सेब के एक पेड़ पर प्रतिवर्ष 60 से 70 किलो फल लगते हैं। जून महीने के अंत में सेब के फल पक कर तैयार हो जाते हैं। इनका भाव मंडी के हिसाब से सौ-ढाई सौ रुपए प्रति किलो तक मिलता है। इस प्रकार 9 से 10 हजार रुपए प्रति पेड़ आय हो सकती है। इस नस्ल के सेब के पेड़ की आयु 20 से 25 वर्ष तक की होती है। वैसे तो एक वर्ष का पेड़ ही तीन-चार किलो फल दे देता है। लेकिन संतोष ने बताया कम से कम 3 वर्ष के बाद सेब के पेड़ से पैदावार लेनी चाहिए।


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