हली वैक्सीन लगवाने वाले बीडीके पीएमओ डा. शुभकरण कालेर ने कहा कि वे अस्पताल के मुखिया हैं। इसलिए उन्होंने पहली वैक्सीन लगवाकर अन्य साथियों को प्रेरित किया।
वरिष्ठ फिजिशियन डा. अनिल महलावत ने बताया कि वे बीडीके अस्पताल की कोविड यूनिट के इंचार्ज हैं। उन्होंने वैक्सीन इसलिए लगवाई ताकि लोगों में इसके सुरक्षित और किसी तरह की घबराहट नहीं होने का संदेश जाए।
तीसरी वैक्सीन लगवाने वाले फिजिशियन व डायबिटीज स्पेशलिस्ट डा. कैलाश राहड़ ने बताया उन्होंने वैक्सीन इसलिए लगवाई ताकि फ्रंट लाइन वर्कर निसंकोच होकर वैक्सीनेशन करवा सकें। वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। इससे भय वाली कोई बात नहीं हैं।
अभियान के प्रथम तीन वैक्सीन लगने के बाद मनोरोग विशेषज्ञ डा. कपूर थालोर, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ असलम, सर्जन डा. सहीराम ने भी टीका बीना किसी भय के लगवाने का आहवा्न किया। इस अवसर पर अस्पताल के हैल्थ मैनेजर डॉ नवीद अख्तर, डॉ महिपाल सिंह, डीपीएम डॉ विक्रमसिंह, यूपीएम सियाराम पूनिया, आइइसी समन्वयक डॉ महेश कड़वासरा आदि मौजूद रहे।
जिला मुख्यालय स्थित बीडीके अस्पताल के अलावा उप जिला अस्पताल नवलगढ़, सीएचसी महनसर, मंड्रेला में अभियान की शुरूआत की गई। सीएचसी मंड्रेला में प्रभारी डॉ योगेश जाखड़ ने पहली वैक्सीन लगवाकर अभियान की शुरुआत की। नवलगढ़ में फिजिशियन डा. अशोक चतुर्वेदी ने पहली और सीएचसी महनसर में प्रभारी डा. मोहम्मद उमर ने पहली वैक्सीन लगवाकर शुरूआत की।
शनिवार को कुल 317 फ्रंटलाइन वर्कर रजिस्टर्ड रहे। जिसमें 229 को वैक्सीन लगाई गई। जिनका वैक्सीनेशन किया गया, उनमें किसी में किसी प्रकार का कोई साइड इफेक्ट नहीं रहा।
जिले के चारों वैक्सीनेशन साइटों पर 317 फ्रंटलाइन वर्कर रजिस्टर्ड थे। इनमें 229 जनों को वैक्सीन लगाई गई। जिनके वैक्सीनेशन किया गया, उनके किसी प्रकार के कोई साइड इफेक्ट नहीं रहे।
डा. दयानंदसिंह, नोडल अधिकारी व आरसीएचओ (झुंझुनूं)