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जगदीप धनखड़ के लिए हमेशा से लक्की था ये ‘वार’, राज्यपाल से लेकर उपराष्ट्रपति बनने तक इसी दिन बनता था विशेष संयोग

Jagdeep Dhankhar Resigns: राजनीति में जगदीप धनखड़ के लिए शनिवार सदैव शुभ साबित हुआ है। राज्यपाल और उपराष्ट्रपति पद की नियुक्ति, दोनों ही शनिवार को हुई।

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Lucky Day For VP Jagdeep Dhankhar: राजनीति में धनखड़ के लिए शनिवार का वार सदैव लक्की रहा। धनखड़ को जब पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाए जाने की घोषणा हुई थी, उस दिन यानी 20 जुलाई 2019 को शनिवार था। वहीं 16 जुलाई 2022 को एनडीए से उप राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाया गया। उस दिन भी शनिवार था। वहीं उप राष्ट्रपति के चुनाव में भी शनिवार को ही जीत हासिल की। यानी कि तीनों बार शनिवार को संयोग रहा। वहीं जब इस्तीफा दिया तब सावन का दूसरा सोमवार रहा।

शेखावाटी के दूसरे व्यक्ति

धनखड़ से पहले भैरोंसिंह शेखावत इस पद पर पहुंच चुके। दोनों ही शेखावाटी मूल के हैं। धनखड़ जहां किठाना गांव के रहने वाले हैं । वहीं शेखावत दांतारामगढ के खाचरियावास के रहने वाले थे। सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता रहे धनखड़ का जन्म चिड़ावा तहसील के किठाना गांव में 18 मई 1951 को गोकुलराम धनखड़ के घर हुआ। प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी विद्यालय में तथा उच्च शिक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय से पूरी हुई। कुछ प्रारंभिक शिक्षा घरड़ाना के सरकारी विद्यालय से भी हासिल की।

राजस्थान यूनिवर्सिटी से एलएलबी करने के बाद वे वकालत करने लगे। राजस्थान हाईकोर्ट में वर्षों तक वकालत की तथा 1986 में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने 1989 में जनता दल की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा तथा जीत हासिल की। उन्हें 21 अप्रेल 1990 से 5 नवंबर 1990 तक केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री के रूप में कार्य करने का मौका भी मिला। 1991 में कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़ा। मगर चुनाव हार गए। धनखड़ 1993 में किशनगढ़ से विधानसभा के सदस्य रहे।