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निर्धन वर्ग के लिए केंद्र की आरक्षण योजना के आधार में बदलाव, केवल आय की शर्त लागू

गुजरात सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित अनारक्षित श्रेणी के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण योजना के राज्य सरकार के मातहत आने वाली नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अमल के लिए इसके मूल आधार में थोड़ा परिवर्तन करते हुए इसक लिए केवल परिवार की आठ लाख रुपए तक की अधिकतम वार्षिक आय को ही आधार बनाया है और कई अन्य शर्तों को हटा दिया है।

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Reservation To Upper Caste Poors

Reservation to Poor Upper Castes

गुजरात सरकार ने केंद्र सरकार की ओर से घोषित अनारक्षित श्रेणी के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण योजना के राज्य सरकार के मातहत आने वाली नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में अमल के लिए इसके मूल आधार में थोड़ा परिवर्तन करते हुए इसक लिए केवल परिवार की आठ लाख रुपए तक की अधिकतम वार्षिक आय को ही आधार बनाया है और कई अन्य शर्तों को हटा दिया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी देते हुए उप मुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण देने के लिए वार्षिक 8 लाख रुपए की आय के साथ ही जमीन, आवास या खुले प्लॉट के मालिकाना हक संबंधी शर्तें केंद्र सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए बतौर मापदंड निर्धारित की गई हैं, लेकिन गुजरात सरकार ने सिर्फ आय का एक ही मापदंड रखते हुए सालाना 8 लाख रुपए से कम आय वाले सवर्ण समाज के युवाओं को सरकारी नौकरी और शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए आर्थिक आरक्षण का लाभ देने का निर्णय किया है। इसके लिए जल्द ही मंत्रिमंडल द्वारा किए गए निर्णय के अनुसार राज्य सरकार की अधिसूचना जारी होगी।

गौरतलब है कि गुजरात केंद्र की इस आरक्षण योजना को लागू करने की घोषणा करने वाला पहला राज्य था। पटेल ने कहा कि वार्षिक 8 लाख की आय में स्वयं उम्मीदवार, उसके माता-पिता और साथ रहने वाले भाई-बहन की आय की गणना की जाएगी। इस आय में किसी भी नौकरी का वेतन, खेती-बाड़ी की आय सहित व्यापार-व्यवसाय की आय आदि को शामिल किया जाएगा। राज्य में वर्ष 1978 से पहले से रहने वाले सवर्ण समाज के सभी परिवार के युवा जो आर्थिक मापदंड के अंतर्गत आते हैं, उन्हें इस 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण का लाभ मिलेगा।

इसके अलावा, राज्य सरकार की नीति के अनुसार प्रत्येक भर्ती में 33 फीसदी बैठक महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाती हैं। इसके अनुसार सवर्ण समाज की आरक्षित बैठकों में भी 33 फीसदी बैठकें महिलाओं के लिए आरक्षित रखी जाएंगी। राज्य सरकार द्वारा आगामी समय में की जाने वाली विभिन्न भर्ती प्रक्रियाओं में भी अब से 10 फीसदी आर्थिक आरक्षण का प्रावधान शामिल कर नियुक्ति की प्रक्रियाएं शुरू की जाएंगी। गुजरात सरकार की नौकरी या शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए 8 लाख रुपए सालाना से कम आय का एक ही मापदंड लागू होगा। हालांकि, केंद्र सरकार की भर्तियों तथा शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश के मापदंड केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए मापदंड के मुताबिक रहेंगे।