10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

RPSC नर्स ग्रेड 2, लैब असिस्टेंट और डीजे भर्ती के लिए कोर्ट का नया आदेश

RPSC नर्स ग्रेड 2, लैब असिस्टेंट और डीजे भर्ती के लिए कोर्ट नया आदेश जारी किया गया है।

2 min read
Google source verification

image

Anil Kumar

Jun 29, 2018

RPSC

RPSC नर्स ग्रेड 2, लैब असिस्टेंट और डीजे भर्ती के लिए कोर्ट का नया आदेश

RPSC नर्स ग्रेड 2, लैब असिस्टेंट और डीजे भर्ती के लिए कोर्ट ने तीन अलग—अलग आदेश जारी किए हैं। राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्स ग्रेड (द्वितीय) भर्ती-2018 में एम्स जोधपुर में समान पद पर काम कर रहे प्रार्थी के आवेदन पत्र को स्वीकार करने का निर्देश दिया है। इस मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव, चिकित्सा निदेशक व एम्स जोधपुर सहित अन्य से 4 सप्ताह के अंदर जवाब मांगा है। इसके अलावा कोर्ट ने कहा है की प्रार्थी का परीक्षा परिणाम कोर्ट की आज्ञा के बिना घोषित नहीं किया जाए। न्यायाधीश बीएल शर्मा व डीसी सोमानी की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश विनय कुमार जैन की याचिका पर दिया है।

डीजे भर्ती में शामिल करने से इंकार
राजस्थान हाईकोर्ट ने डीजे कैडर भर्ती-2017 के आवेदन में कमी पूरी नहीं करने के कारण प्रार्थी राकेश कुमार को भर्ती में शामिल करने की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि भर्ती में प्रार्थी ने एससी वर्ग से आवेदन किया था जिसमें कमियां पायी गई। हाईकोर्ट प्रशासन ने उसके आवेदन पत्र में डिफेक्ट बताते हुए 10 केसों की जानकारी देने के लिए कहा। प्रार्थी ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

वकील पर 1 लाख रूपए का हर्जाना
हाईकोर्ट ने लैब असिस्टेंट भर्ती-2018 में अनुभव प्रमाण पत्र के लिए गलत तथ्यों पर दायर चतर सिंह व 3 अन्य की याचिका को खारिज कर दिया। इसके अलावा याचिका दायर करने वाले वकील पर 1 लाख रुपए हर्जाना लगाते हुए उनके खिलाफ बीसीआई व बीसीआर को कार्रवाई करने के लिए कहा है। अदालत ने हर्जाना राशि विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराने का भी निर्देश दिया। यह आदेश न्यायाधीश एसपी शर्मा ने दिया। मामला यह था कि लैब असिस्टेंट भर्ती में अनुभव प्रमाण पत्र लेने के लिए प्रार्थियों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए एएजी श्याम आर्य ने मामले की फाइल देखकर कहा कि इसमें 1 प्रार्थी ही लैब असिस्टेंट है जबकि अन्य प्रार्थी कंप्यूटर ऑपरेटर, मेडिकल हेल्पर व हेल्पर ही हैं। इसलिए इन सभी को लैब असिस्टेंट नहीं मान सकते। इसे अदालत ने गंभीर माना और याचिका को गलत तथ्यों पर दायर मानते हुए खारिज कर दिया और वकील पर हर्जाना लगा दिया।