scriptराजस्थान यूनिवर्सिटी के नॉन-टीचिंग स्टाफ को मिलेगा सातवां वेतनमान | Rajasthan university non-teaching staff get 7th pay commission | Patrika News

राजस्थान यूनिवर्सिटी के नॉन-टीचिंग स्टाफ को मिलेगा सातवां वेतनमान

locationजयपुरPublished: Feb 16, 2020 01:38:17 pm

राजस्थान राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक समेत इसके समकक्ष 30 पदों के अधिकारियों को जल्दी ही सातवां वेतनमान का लाभ मिल सकता है।

Rajasthan university, exam, time table, education news in hindi, education, university of rajasthan

Rajasthan University

राजस्थान राज्य के विश्वविद्यालयों में कार्यरत असिस्टेंट रजिस्ट्रार, डिप्टी रजिस्ट्रार और परीक्षा नियंत्रक समेत इसके समकक्ष 30 पदों के अधिकारियों को जल्दी ही सातवां वेतनमान का लाभ मिल सकता है। जानकारी के अनुसार, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के नियमों के मुताबिक सातवां वेतनमान देने के लिए गठित कमेटी ने अपनी सिफारिशें सरकार को भेज दी हैं। अब विभाग इन्हें वित्त विभाग में भेजने की तैयारी कर रहा है।

उल्लेखनीय है कि UGC ने दो साल पहले विश्वविद्यालय में कार्यरत शिक्षकों व प्रशासनिक अधिकारियों के लिए वेतनमान एवं पदोन्नति की योजना लागू करने के निर्देश दिए थे, लेकिन प्रदेश में यह लाभ शिक्षकों, पुस्तकालयाध्यक्ष और शारीरिक शिक्षकों को ही दिया गया। वहीं, परीक्षा नियंत्रक, डिप्टी रजिस्ट्रार और असिस्टेंट रजिस्ट्रार जैसे अधिकारियों को इससे वंचित कर दिया गया। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के शासन में सोडाणी कमेटी ने सिफारिश सरकार के दी, लेकिन विधानसभा चुनाव का हवाला देकर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अब वर्तमान कांग्रेस सरकार ने दोबारा कमेटी बनाई है, जिसने हाल ही अपनी सिफारिशें उच्च शिक्षा विभाग को भेज दी है। जानकारी के अनुसार, वेतनमान और पदोन्नति का मामला फाइनेंस में अटक जाता है। यूनिवर्सिटी के अधिकारियों के अनुसार, वित्तीय समस्या संभवतया नहीं है क्योंकि कुल मिलाकर प्रदेश के विश्वविद्यालयों में सौ से भी कम ऐसे अधिकारी कार्यरत हैं।

अन्य राज्यों में यूजीसी आधार पर वेतनमान
राजस्थान राज्य विश्वविद्यालय अधिकारी संघ के अध्यक्ष नरेन्द्र चतुर्वेदी के अनुसार प्रदेश के अलावा दूसरे सभी राज्यों की यूनिवर्सिटीज में यूजीसी आधार पर वेतनमान दिया जा रहा है। मौजूदा स्लैब से वेतनमान में एक हजार तक का फर्क है। सातवें वेतनमान के मुताबिक, असिस्टेंट रजिस्ट्रार को आठ साल, डिप्टी रजिस्ट्रार को पांच साल में पदोन्नति और बढ़ा हुआ वेतनमान मिलना चाहिए लेकिन प्रदेश में विश्वविद्यालय के ये अधिकारी बिना पदोन्नति के रिटायर हो जाते हैं। यही वजह है कि ज्यादातर विश्वविद्यालय में परीक्षा नियंत्रक नहीं है। सरकार ने पिछले साल विधानसभा में घोषणा की थी तो आस जगी थी। अब इसे जल्दी से जल्दी लागू किया जाए।

ट्रेंडिंग वीडियो