— प्रोसेसिंग इकाइयों को सब्सिडी की जरूरत शहर में ईसबगोल प्रोसेस की तीन इकाइयां है। सरकार की ओर से पूवज़् में करीब 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन अब वह बंद कर दी गई है। सरकार अगर वापस सब्सिडी देना शुरू करे, तो इकाइयों में वृद्धि होगी और व्यापार बढ़ेगा। प्रोसेस इकाई संचालक जगदीशप्रसाद सोनी ने बताया कि प्रोसेसिंग के दौरान सबसे पहले बीज की क्लिनिंग की जाती है। बाद में, बीज का सोरटैक्स व ग्राइंडिंग की जाती है, जिससे भूसी निकलती है। भूसी की क्लिनिंग के बाद पैकिंग व घरेलू माकेज़्ट सहित विदेशों में नियाज़्त किया जता है।
———– ईसबगोल के बारे में – 200 करोड़ का नियाज़्त होता है हर साल – 90 फीसदी उत्पादन होता है राजस्थान में – 2 राज्य राजस्थान और गुजरात में ही होता है ईसबगोल
– 8 किलो प्रति हेक्टयर में होता है उत्पादन – 10 रोगों में है फायदेमंद —– जीरा मंडी में जीरे के साथ ही ईसब की भी अच्छी आवक है। किसान जीरे की तरह ही अपना माल जोधपुर जीरा मंडी में लाने लगे है। इसकी वजह किसानों को उनकी उपज के पूरे भाव मिल रहे है। अभी नई फसल करीब एक-डेढ़ माह तक और आएगी।
पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष जीरा मंडी व्यापार संघ — वषज़् 2012 में जीरा मंडी बनने के बाद ईसब की आवक शुरू हुई है। पिछले सालों की तुलना में वषज़् प्रति वषज़् आवक बढ़ी है। इस बार 2 अप्रेल से नई फसल आने के बाद रिकॉडज़् आवक हुई है, उम्मीद है इस बार अच्छी आवक होगी।
सुरेन्द्रसिंह, सचिव विजयाराजे सिंधिया कृषि उपज मंडी समिति —