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10 हजारी हुआ ईसब, जीरे के साथ बम्पर आवक

locationजोधपुरPublished: Apr 16, 2019 07:55:46 pm

Submitted by:

Amit Dave

– देश में केवल राजस्थान व गुजरात में ही होता है उत्पादन
– प्रोसेस की शहर में तीन इकाइयां
बढ़े इकाइयां तो व्यापार को मिलेगा बढ़ावा

jodhpur

10 हजारी हुआ ईसब, जीरे के साथ बम्पर आवक

जोधपुर।

रसोई का स्वाद बढ़ाने वाला प्रमुख मसाला फसल जीरे सहित अन्य कृषि जिंसों की जीरा मंडी में आवक शुरू हो चुकी है। जीरे के साथ ही अब, ईसबगोल ने भी मंडी में आवक का रिकॉडज़् बनाया है। देश में ईसबगोल उत्पादन राजस्थान का पहला स्थान है। इस बार कम उत्पादन होने के बावजूद भी जीरा मंडी में ईसब की आवक धीरे-धीरे बढ़ रही है। पिछले तीन दिनों में अच्छी आवक के साथ ईसब 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल हो चुका है। सोमवार को ईसब का भाव 10100 रुपए प्रति क्विंटल रहा। 2 अप्रेल से ईसबगोल की नई फसल की आवक शुरू हुई और सोमवार तक कुल 5377 बोरी ईसब की आ चुकी है। जीरा मंडी व्यापारियों और किसानों की माने तो इस बार ईसब की आवक पिछले वषज़् की तुलना में अच्छी रहेगी। प्रदेश में ईसबगोल की खेती जालोर, जैसलमेर, बाड़मेर, फलोदी, पाली, नोखा आदि क्षेत्रों में होती है।

प्रोसेसिंग इकाइयों को सब्सिडी की जरूरत

शहर में ईसबगोल प्रोसेस की तीन इकाइयां है। सरकार की ओर से पूवज़् में करीब 40 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती थी, लेकिन अब वह बंद कर दी गई है। सरकार अगर वापस सब्सिडी देना शुरू करे, तो इकाइयों में वृद्धि होगी और व्यापार बढ़ेगा। प्रोसेस इकाई संचालक जगदीशप्रसाद सोनी ने बताया कि प्रोसेसिंग के दौरान सबसे पहले बीज की क्लिनिंग की जाती है। बाद में, बीज का सोरटैक्स व ग्राइंडिंग की जाती है, जिससे भूसी निकलती है। भूसी की क्लिनिंग के बाद पैकिंग व घरेलू माकेज़्ट सहित विदेशों में नियाज़्त किया जता है।
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ईसबगोल के बारे में

– 200 करोड़ का नियाज़्त होता है हर साल

– 90 फीसदी उत्पादन होता है राजस्थान में

– 2 राज्य राजस्थान और गुजरात में ही होता है ईसबगोल
– 8 किलो प्रति हेक्टयर में होता है उत्पादन

– 10 रोगों में है फायदेमंद

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जीरा मंडी में जीरे के साथ ही ईसब की भी अच्छी आवक है। किसान जीरे की तरह ही अपना माल जोधपुर जीरा मंडी में लाने लगे है। इसकी वजह किसानों को उनकी उपज के पूरे भाव मिल रहे है। अभी नई फसल करीब एक-डेढ़ माह तक और आएगी।
पुरुषोत्तम मूंदड़ा, अध्यक्ष

जीरा मंडी व्यापार संघ

वषज़् 2012 में जीरा मंडी बनने के बाद ईसब की आवक शुरू हुई है। पिछले सालों की तुलना में वषज़् प्रति वषज़् आवक बढ़ी है। इस बार 2 अप्रेल से नई फसल आने के बाद रिकॉडज़् आवक हुई है, उम्मीद है इस बार अच्छी आवक होगी।
सुरेन्द्रसिंह, सचिव

विजयाराजे सिंधिया कृषि उपज मंडी समिति

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