जन्म के तुरंत बाद अस्पताल के पालना में मिली थी बाल कल्याण समिति के डॉ आरएस चावड़ा ने बताया कि चार माह पहले 18 मई को बालिका मथुरादास माथुर अस्पताल के पालना में लावारिस हालत में मिली थी। जन्म के तुरंत बाद परिजन उसे पालने में छोड़ गए थे। बीमार होने की वजह से उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सुधार होने पर उसे शिशु गृह भेज दिया गया था। वहां भी बीमार रही। इसका इलाज भी कराया गया था। शुक्रवार सुबह उसे दूध पिलाया गया। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे मण्डोर के सैटेलाइट अस्प्ताल ले जाया गया, जहां से उम्मेद अस्पताल रैफर कर दिया गया। बीच रास्ते में उसकी मृत्यु हो गई। पोस्टमार्टम के बाद चिकित्सकों ने अंदेशा जताया है कि उल्टी दस्त की वजह से उसकी मृत्यु हो सकती है।
बच्चों में फैल रहा अनजान वायरस इन दिनों जोधपुर के बच्चों में फ्लू का नया वायरस फैल रहा है। पांच साल से छोटे बच्चे इसकी चपेट में अधिक आ रहे हैं। बच्चों को बुखार के साथी खांसी हो रही है। यह खांसी कई दिनों तक पीछा नहीं छोड़ रही। बच्चों में यह खांसी एक-दूसरे के सम्पर्क में आने से आगे बढ़ रही है। एसएन मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रमोद शर्मा के अनुसार बच्चों में यह खांसी खतरनाक रूप ले रही है। यह फ्लू फैमिली के ही एक अजीब वायरस से खांसी के रूप में बच्चों को चपेट में ले रही है। अस्पतालों की ओपीडी में आने वाले बच्चों में से करीब 90 फीसदी में खांसी व बुखार की बीमारी ही सामने आ रही है। एमडीएम अस्पताल जनाना एवं शिशु रोग इकाई में प्रतिदिन सैकड़ों बच्चे खांसी-बुखार से पीडि़त आ रहे हैं।