16 Crore Fraud : दुबई में सक्रिय गैंग कर रही है साइबर ठगी!
जोधपुरPublished: Dec 11, 2022 06:51:49 pm
- हैंडीक्राफ्ट निर्यातक से 16 करोड़ रुपए की साइबर ठगी का मामला
- अब तक सिर्फ दो आरोपी गिरफ्तार, बीस से अधिक हिरासत में, मास्टरमाइण्ड को पकड़ना चुनौती बना


16 Crore Fraud : दुबई में सक्रिय गैंग कर रही है साइबर ठगी!,16 Crore Fraud : दुबई में सक्रिय गैंग कर रही है साइबर ठगी!
जोधपुर।
महामंदिर थानान्तर्गत (Police station mahamandir) हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक से 16 करोड़ रुपए (16 Cr Rs fraud with handicraft exporter) ऐंठने के पीछे विदेशी गैंग की भूमिका (Cyber gang active in Dubai) थी। (Cyber gang cheated 16 Crores Rs from handicraft exporter) जिसमें कई देश के साइबर अपराधी शामिल हैं। जो संभवत: दुबई से साइबर गैंग संचालित कर रहे हैं। हालांकि पुलिस ने दो व्यक्तियों को गिरफ्तार कर बीस से अधिक लोगों को हिरासत में ले रखा हैं, लेकिन मास्टरमाइण्ड तक पहुंचना पुलिस के लिए काफी बड़ी चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।
पुलिस के अनुसार प्रकरण में उदयपुर में सवीना थानान्तर्गत तितड़ी निवासी मानव गर्ग और उदयपुर में सुखेर थानान्तर्गत बेतला निवासी दीपक सोनी को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों को रिमाण्ड पर लेने के बाद कोर्ट में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। वहीं, बीस से अधिक संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इनसे पूछताछ की जा रही है। ठगी में भूमिका सामने आने पर इन्हें गिरफ्तार किया जा सकता है।
बड़ा अंतरराष्ट्रीय रैकेट का हाथ
इस मामले की अब तक की जांच में विदेशी साइबर गैंग की भूमिका सामने आई है। जिनमें भारतीय के अलावा चाइनीज, फिलीपींस, कंबोडियाई के लोग शामिल हो सकते हैं। जो दुबई से गिरोह का संचालन कर रहा है।
एक खाते में जमा कराए गए थे दो करोड़ रुपए
हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक से देश के विभिन्न शहरों की आठ बैंक खातों में राशि जमा कराई गई थी। उदयपुर निवासी आरोपी दीपक सोनी के बैंक खाते में दो करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। पुलिस अभी तक 32 करोड़ रुपए रिफण्ड करवा पाई है। तीस लाख रुपए और रिफण्ड की कार्रवाई चल रही है।
सीधे तौर से जुड़ी सबसे निचली कड़ी पकड़ी
विदेशी कम्पनी में निवेश का झांसा देकर पावटा ए रोड निवासी हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक अरविंद कालानी से एक से 21 नवम्बर के बीच 101 बार लेन-देन कर 16 करोड़ 26 लाख रुपए ऐंठ लिए गए थे। जो देश के आठ शहरों की निजी बैंक के अलग-अलग खातों में जमा कराए गए थे। पुलिस ने इन खाताधारकों को हिरासत में लिया है। जो अधिकृत खाताधारक होने से सीधे तौर पर आरोपी हैं। जबकि पर्दे के पीछे मास्टर माइण्ड कोई और ही है। बैंक खातों से सैंकड़ों अन्य खातों में राशि ट्रांसफर कराई गई थी।