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पचपदरा सडक़ हादसा : हाथों की मंहदी भी नहीं उतरी कि शादी के दस माह बाद ही छूट गया राहुल का साथ

locationजोधपुरPublished: Nov 13, 2019 03:48:08 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

बाड़मेर के पचपदरा थानान्तर्गत भांडियावास गांव के पास ट्रक से भिड़ंत में जान गंवाने वाले अशोक नगर निवासी महेन्द्र कोठारी, मानजी का हत्था निवासी नवरत्न सुराणा और सर्राफा बाजार निवासी राहुल धारीवाल न सिर्फ मित्र थे, बल्कि जैन समाज के युवा व्यापारी भी थे।

3 died in road accident at pachpadra of barmer

पचपदरा सडक़ हादसा : हाथों की मंहदी भी नहीं उतरी कि शादी के दस माह बाद ही छूट गया राहुल का साथ

जोधपुर. बाड़मेर के पचपदरा थानान्तर्गत भांडियावास गांव के पास ट्रक से भिड़ंत में जान गंवाने वाले अशोक नगर निवासी महेन्द्र कोठारी, मानजी का हत्था निवासी नवरत्न सुराणा और सर्राफा बाजार निवासी राहुल धारीवाल न सिर्फ मित्र थे, बल्कि जैन समाज के युवा व्यापारी भी थे। मृतकों में शामिल राहुल धारीवाल की दस माह पूर्व ही शादी हुई थी। पत्नी के हाथों से मेहंदी का रंग पूरी तरह उतरा भी नहीं होगा और उससे पहले ही जन्म-जन्म का साथ निभाने की कसम खाने वाले राहुल ने दुनिया से विदाई ले ली।
हादसे का पता लगते ही न सिर्फ पत्नी बल्कि परिवार पर दुखों का पहाड़ सा टूट गया। जैन समाज में भी शोक की लहर छा गई।रिश्तेदार कुणाल धारीवाल ने बताया कि सर्राफा बाजार निवासी राहुल धारीवाल (31) पुत्र राजेन्द्र की भीतरी शहर के मिर्ची बाजार में मेघराज चौथमल के पास कॉस्मेटिक की दुकान है। दिसम्बर के अंतिम सप्ताह में उसकी शादी हुई थी। उसका एक बड़ा भाई रवि है। 14 नवम्बर को रिश्तेदारी में शादी होनी है। परिचित व रिश्तेदार शादी में शामिल होने के लिए रवाना हो चुके थे, लेकिन हादसे का पता लगते ही कई रिश्तेदारों के पांव बीच रास्ते में रूक गए। कई वापस भी लौट गए।
एक अन्य मृतक नवरतन सुराणा (42) के भतीजे सिद्धार्थ का कहना है कि नवरतन के घंटाघर में रेडीमेड कपड़ों की दुकान है। मृत्यु का पता लगते ही पुत्र व पुत्री के आंसू निकल आए। घर में कोहराम मच गया। उनका बड़ा भाई भी है।
15-20 वर्ष से हर पूर्णिमा पर नाकोड़ा तीर्थ के दर्शन करते
सौरभ कोठारी ने बताया कि महामंदिर में अशोक नगर निवासी महेन्द्र कोठारी (44) कपड़ों के व्यापारी थे। दो बड़े भाई सूरत में कपड़े के व्यापारी हैं। उसे एक पुत्र व पुत्री है। महेन्द्र, नवरतन व राहुल धारीवाल आपस में मित्र थे। महेन्द्र कोठारी पन्द्रह-बीस साल से हर पूर्णिमा पर दर्शन करने के लिए नाकोड़ा स्थित जैन तीर्थ जाते थे। इस बार तीनों मित्र सोमवार रात नाकोड़ा के लिए रवाना हो गए थे। उन्होंने मंगलवार सुबह जैन तीर्थ के दर्शन किए थे और फिर जोधपुर के लिए रवाना हो गए थे। आधे घंटे बाद ही तीनों ने एक साथ दुनिया छोड़ दी।
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