- बीटेक पाठ्यक्रम में आमूलचूल परिवर्तन, हर प्रोग्राम के साथ एआई और आईओटी को जोड़ा - अब एक विषय को पढ़ाएंगे तीन फैकल्टी
जोधपुर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर ने देशभर की समस्त आइआइटीज में पहल करते हुए इस साल बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बीटैक) पाठ्यक्रम में बहुत बड़ा बदलाव किया है। आइआइटी जोधपुर ने समस्त विषयों के बीटेक प्रोग्राम को री-डिजाइन किया है। सबसे बड़ा बदलाव एक साल में 2 सेमेस्टर की बजाय अब 3 सेमेस्टर होंगे। इन्हीं तीन सेमेस्टर के दरम्यिान शिक्षक पूरा पाठ्यक्रम पढ़ाने के साथ परीक्षाएं भी लेंगे। आइआइटी जोधपुर में दो सुपर कंप्यूटर आने के बाद अब समस्त पाठ्यक्रमों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) भी जोड़े गए हैं। अब एक विषय को तीन फैकल्टी पढ़ाएंगे। पहले एक विषय को एक शिक्षक पढ़ाता था। ताकि बदलते समय के साथ बीटैक छात्र-छात्राएं अपडेट होकर निकल सके।
यह रहेगा ट्राई सेमेस्टर का शेड्यूल
कोविड-19 में पढ़ाई से अनुभव लेते हुए आइआइटी जोधपुर ने अब ट्राई सेमेस्टर का कैलेंडर जारी किया है। इस साल जेईई एडवांस परीक्षा में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को ट्राई सेमेस्टर पढऩा पड़ेगा। पहला सेमेस्टर 23 नवंबर तक खत्म हो जाएगा। दूसरा सेमेस्टर 22 नवंबर 2020 से 23 फरवरी 2021 तक चलेगा। तीसरा सेमेस्टर 21 फरवरी 2021 से 25 मई 2021 तक रहेगा।
सोशल कनेक्ट व परफॉर्मिंग आर्ट जोड़ी
आइआइटी जोधपुर ने बेसिक इंजीनियरिंग रखते हुए सह शैक्षणिक गतिविधियों में भी बड़ा बदलाव किया है। अब ऐसी गतिविधियां सोशल कनेक्ट और परफॉर्मिंग आर्ट से जोड़ी गई है। छात्र छात्राओं को समाज की समस्याओं के अनुरूप ही गतिविधियों का आयोजन और पाठ्यक्रम में उसे शामिल करना होगा।
5 वर्षीय बीटेक-एमटेक इंटीग्रेटेड का नया कोर्स
आइआइटी जोधपुर ने इस साल एक नया कोर्स 5 वर्षीय बीटेक-एमटेक इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम शुरू किया है। सामान्यत: बीटेक 4 वर्ष की होती है। पांच साल की इस डिग्री में दो डिग्री एक साथ मिल जाएगी। यह पाठ्यक्रम की रुपरेखा एनएलयू में पढ़ाई जाने वाले बीए एलएलबी/ बीएससी एलएलबी के समकक्ष है।
25 प्रतिशत फीस में कटौती की
कोविड-19 के दौरान लोगों की विषम परिस्थितियों को देखते हुए आइआइटी जोधपुर ने इस साल सालाना फीस में 25 प्रतिशत तक की कटौती की है ताकि छात्र छात्राएं आसानी से प्रवेश ले सकें।
'हमने पाठ्यक्रम में वर्तमान जरूरतों के अनुरूप बदलाव किया है। लगभग पूरे बीटेक पाठ्यक्रम को बदलकर उसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिजिटल ह्यमिनिटी जैसे नए एरिया जोड़े गए हैं।Ó
प्रो शांतनु चौधरी, निदेशक, आइआइटी जोधपुर