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ACB Action: जोधपुर में थाने की चौखट पर रिश्वतखोरी, 20 हजार लेते पकड़ा गया कांस्टेबल

Jodhpur ACB Action : भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष इकाई ने गुरुवार को राजीव गांधी नगर थाने में तैनात एक कांस्टेबल को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

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फोटो पत्रिका नेटवर्क

जोधपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) की विशेष इकाई ने गुरुवार को राजीव गांधी नगर थाने में तैनात एक कांस्टेबल को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। मामले में शामिल उपनिरीक्षक कार्रवाई की भनक लगते ही फरार हो गया, जिसकी तलाश में एसीबी की टीमें जुटी हुई हैं।

एसीबी पुलिस महानिदेशक गोविंद गुप्ता के अनुसार जोधपुर स्थित एसीबी चौकी को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। शिकायतकर्ता चौखा गांव में किराए के मकान में रहता है, जहां मकान को लेकर मकान मालिक भभूताराम और सागर गहलोत के बीच विवाद चल रहा था। इसी विवाद के आधार पर सागर गहलोत की ओर से पुलिस थाना राजीव गांधी नगर में एक प्रकरण दर्ज कराया गया।

शिकायत में आरोप लगाया गया कि उप निरीक्षक प्रेमनाथ और कांस्टेबल भविष्य कुमार ने परिवादी को थाने बुलाकर उसे मामले में फंसाने और गिरफ्तार करने की धमकी दी। इसके बाद उसका नाम मुकदमे से हटाने के बदले 30 हजार रुपए की रिश्वत मांगी गई। एसीबी द्वारा शिकायत का सत्यापन कराया गया, जिसमें आरोप सही पाए गए।

थाने के सामने ली रिश्वत

इसके बाद एसीबी जोधपुर रेंज के उप महानिरीक्षक भुवन भूषण यादव के सुपरविजन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ओमप्रकाश चौधरी के नेतृत्व में ट्रैप कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान कांस्टेबल भविष्य कुमार को पुलिस थाना राजीव गांधी नगर के सामने परिवादी की गाड़ी में बैठकर 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। इसी दौरान आरोपी उप निरीक्षक प्रेमनाथ मौके से फरार हो गया। एसीबी अधिकारियों का कहना है कि फरार एसआइ की तलाश जारी है और जल्द ही उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा।

सब इंस्पेक्टर ने कॉल डिटेल के आधार पर लोगों को धमकाया

एसीबी का कहना है कि सब इंस्पेक्टर प्रेमनाथ ने अपने पद और अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए कॉल डिटेल का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया। मुख्य आरोपी भभूताराम ने कुछ दिनों में जिन-जिन लोगों से अपने मोबाइल पर बातचीत की, उन सभी की कॉल डिटेल सब इंस्पेक्टर ने निकलवाई। कॉल डिटेल सामने आने के बाद सब इंस्पेक्टर प्रेमनाथ ने संबंधित लोगों को फोन कर धमकाना शुरू कर दिया। इस पूरे मामले में एसीबी का कहना है कि कथित तौर पर ली गई 20 हजार रुपए की राशि में सबसे बड़ा हिस्सा सब इंस्पेक्टर का ही था।


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