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प्रदेशभर में एक्सपायर हो गई 72.68 लाख की दवाइयां!

locationजोधपुरPublished: Nov 29, 2020 11:50:34 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

 
 
बाड़मेर-जोधपुर के ड्रग वेअर हाउस में स र्वाधिक दवाओं का ‘खराबा’
ई-औषधि सॉफ्टवेयर में रिकॉर्ड इन्द्राज करने में भी लापरवाही

जोधपुर. सरकारी तंत्र की अनदेखी के कारण सरकारी अस्पतालों में मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत मरीजों को मिलने वाली लगभग 72 लाख 68 हजार रुपए की दवाइयां ड्रग वेअर हाउस में पड़ी पड़ी एक्सपायर हो गई। जबकि अस्पतालों में मरीजों को जरूरत पडऩे पर दवाइयां उपलब्ध नहीं होने की शिकायतें कई बार सामने आती रहती है।
सर्वाधिक दवाइयां बाड़मेर और जोधपुर जिलों के ड्रग वेयर हाउस में अवधिपार होने की जानकारी सामने आई है। बाड़मेर में 11 लाख 22 हजार 607 रुपए तथा जोधपुर में 8 लाख 75 हजार 481 रुपए कीमत की दवाइयां एक्सपायर हुई। प्रदेश में एक मात्र झालावाड़ जिले में एक रुपए की दवा भी अवधिपार नहीं हुई।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं निदेशालय ने हाल ही सभी जिलों के ड्रग वेयर हाउस की दवाओं की ऑडिट करवाई। इसके आंकड़े देख अफसर चौंक गए। प्रदेश के 33 में से 32 जिलों में नि:शुल्क दवाओं के मामलों में लापरवाही सामने आई। अब इन सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस थमाए गए हैं।
सूत्रों के अनुसार निदेशालय ने सभी जिलों को जुलाई से नवंबर तक 6-7 बार पत्र लिखकर नि:शुल्क दवा योजना की समुचित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद कई जिलों में दवाओं का समय पर उपयोग नहीं हुआ। कोरोनाकाल से पहले प्रतिदिन निशुल्क दवाओं की लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक पर्चियों का इंद्राज हो रहा था, लेकिन मार्च-अप्रेल में यह डेढ़ लाख पर्चियों तक ही सिमट गया।
रिकॉर्ड में दर्ज नहीं

जानकारों का कहना है कि कई अस्पतालों में दवा पर्चियों की जीरॉक्स का इंद्राज ई-औषधि सॉफ्टवेयर में नहीं किया गया। इस कारण भी कई दवाइयां निदेशालय के रिकॉर्ड में एक्सपायर बोल रही है। कई जगह दवाइयों का पूरा प्रयोग नहीं होने से भी दवाएं अवधिपार होने की बात सामने आ रही है।
कहां-कितनी दवाएं अवधिपार

जिले का नाम —- अवधिपार दवाओं का मूल्य

बाड़मेर—- 11, 22, 607.04
जोधपुर—- 8, 75, 481.99

नागौर—-6, 73, 896.05
जयपुर प्रथम—-5, 28, 096.39

जालोर—-4, 42, 838.49
कोटा—3, 91, 305.50

दौसा—3, 77, 850.92
बांसवाड़ा—-3, 73, 507.23
डूंगरपुर—2, 99, 383.81
राजसमंद—2, 86,166.63

सिरोही—2, 33, 376.68
चूरू-2, 29, 281.89

पाली—1, 80, 612.73
जैसलमेर—1, 67, 985.85

प्रतापगढ़—1, 56, 831.73
अजमेर—1,56,336.46

चितौडगढ़़— 1,24,318.88
अलवर—1, 16, 439.28

सवाईमाधोपुर—1,09,070.94
उदयपुर—1,04,687.86

जयपुर द्वितीय—89,522.37
करौली—56,366.41

धौलपुर—51,755.95
टोंक—30,850.21

बारां—23,587.96
झुंझुनूं—17,477.80
बूंदी—15,817.17
बीकानेर— 13,767.68

भरतपुर—10,905
सीकर—3,583.59

श्रीगंगानगर—3,462. 55
हनुमानगढ़—733.़35

भीलवाड़ा—324
झालावाड़-00


लापरवाह जिलों को नोटिस

कई दवाइयां ई-औषधि सॉफ्टवेयर के रिकॉर्ड में इंद्राज नहीं हुई। सीएमएचओ व बीसीएमओ कोविड मैनेजमेंट में लग गए। सभी सीएमएचओ व पीएमओ को कई बार इंद्राज करने के लिए कहा गया। दूसरा, कोरोना के कारण कई मरीज अस्पताल भी नहीं आए, इससे भी उपयोग पर असर पड़ा।
– डॉ. केके शर्मा, निदेशक (जनस्वास्थ्य)
मरीजों तक पहुंची है दवाएं
अस्पताल प्रबंधन हर पर्ची का ई-औषधि सॉफ्टवेयर में इंंद्राज करता है। यह काम कोविड मैनेजमेंट के कारण पूरा नहीं हो पाया। दवाइयां मरीजों तक पहुंची है। ये कहना गलत है कि दवाइयां पड़ी रह गई। औषधि भंडार में एक भी दवा अवधिपार नहीं हुई।
– डॉ. बलवंत मंडा, सीएमएचओ, जोधपुर

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