मलार गांव में 1 अगस्त को आरोपियों ने घर में जबरदस्ती घुस कर कोजाराम जाट व उसकी पत्नी के साथ मारपीट कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। परिजन इसे उपचार और मुकदमा दजऱ् कराने पीपाड़ सिटी लेकर आए। यहां कोजाराम की गंभीर हालत को देखते हुए जोधपुर रैफर कर दिया। जोधपुर के एमजीएच में जांच के बाद उपचार कर छुट्टी दे दी, जबकि मरीज की हालत में कोई सुधार नही हुआ।
पुलिस में दजऱ् मुकदमे में आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए जब अनुसंधान अधिकारी तहरीर लेकर पीडि़त घायल के साथ जहां भी गए तो चिकित्सकों ने घटना स्थल को अस्पताल के क्षेत्राधिकार से बाहर बता कर एमएलसी करने से मनाकर दिया। रतकुडिय़ा तो कभी कोसाणा और वहाँ से सालवा खुर्द के सरकारी चिकित्सक ने भी लिखित में आगे से आगे रैफर किया आखिरकार उसे पीपाड़सिटी भेज दिया गया। यहां भी चिकित्सकों ने फिर से रतकुडिय़ा ले जाकर एम एल सी करवाने को कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। अब पीडि़त व पुलिस दोनों परेशान है कि उसे कहां ले जाया जाए?
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग का नियम जिसमें घटना स्थल के क्षेत्राधिकार के सरकारी अस्पताल में ही घायल मरीज को ले जाने के साथ एमएलसी की हिदायत दी वह नियम पुलिस और मरीज दोनों पर भारी पड़ रहा है। गांवों में पद स्थापित चिकित्सक मुकदमों के मामलों में एम एल सी देने के कारण अदालत में सुनवाई के दौरान बयान देने से बचने के चक्कर में पहले पुलिस थाना भेज देते है। पुलिस जब मुख्यालय के अस्पताल में मरीज को लाती है। यहां से रेफर कर दिया जाता है। निसं
इनका कहना है पीडि़त की एमएलसी के लिए दो दिनों से सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों के चक्कर काट रहे है लेकिन हर कोई अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बता कर कन्नी काट रहे है।
महेंद्र सीरवी, एसआई, पुलिस थाना पीपाड़सिटी
सब जगह पुलिस थाना मुख्यालय के सरकारी अस्पताल में घायल की एमएलसी करवाई जाती है लेकिन यहां मरीज के साथ पुलिस भी परेशान हो रही है।
चंपाराम, पुलिस थाना अधिकारी, पीपाड़सिटी