ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भोपालसिंह लखावत के अनुसार प्रकरण में एक दिन की रिमाण्ड अवधि पूर्ण होने पर आरजीटी के तत्कालीन थानाधिकारी व एसआइ महेन्द्र कुमार सीरवी को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेजने के आदेश दिए गए।
आरोपी ने लेन-देन में लिया था नाम
आरोपी ने लेन-देन में लिया था नाम
न्यायिक अभिरक्षा में भेजे चोरी के आरोपी दमाराम की मदद करने की एवज में आरजीटी थानाधिकारी महेन्द्र कुमार पन्द्रह हजार रुपए रिश्वत लेते शनिवार को रंगे हाथों पकड़ा गया था। दमाराम सिणधरी थाने में चोरी के मामले में भी संदिग्ध है। एेसे में लेन-देन के दौरान उसने सिणधरी थानाधिकारी के लिए भी रुपए लेने की बात की थी। इसलिए महेन्द्र से आमने सामने पूछताछ के लिए सिणधरी थानाधिकारी बलदेव चौधरी सोमवार को एसीबी कार्यालय में पेश हुआ, जहां दोनों से रू-ब-रू पूछताछ की गई। दोनों के मोबाइल की जांच भी की गई। पूछताछ व जांच में कोई भूमिका सामने न आने पर बलदेव चौधरी को छोड़ दिया गया।